हुस्न और इश्क दोनों को कौन रुस्वा करता है?
जो अपने प्रियतम की बात नहीं मानता
जो सैनिक मातृभूमि के लिए अपना बलिदान देते हैं
जो सैनिक अवसर आने पर बलिदान नहीं देता
उपर्युक्त सभी
Answers
सही जवाब है...
► जो सैनिक अवसर आने पर बलिदान नही देता
स्पष्टीकरण:
‘कर चले हम फिदा’ कविता मैं कवि कहता है कि देश की रक्षा करने में बिल्कुल तत्परता से लगे सैनिक गर्व भरी वाणी से कह रहे हैं कि जिंदा रहने के तो जीवन में बहुत से अवसर प्राप्त होते हैं, लेकिन अपने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने का अवसर बार-बार नहीं मिलता। जरूरत पड़ने पर जो जवानी खून में सराबोर नहीं होती अर्थात अपने प्राणों को न्यौछावर करने को तैयार नहीं होती, वह जवानी हुस्न और इश्क अर्थात प्यार और सौंदर्य दोनों को बदनाम करती है। इसलिए जब देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर देने से जीवन की सार्थकता होती है, वह सैनिक मर कर भी अमर हो जाता है।
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(ग) 'कर चले हम फ़िदा' कविता में क्या संदेश दिया गया है ?
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कविता के आलोक में सैनिक के जीवन की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए भाव स्पष्ट कीजिए- ‘राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियो।
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