Hindi, asked by HarikaPenukonda5254, 6 hours ago

हिंसा परमो धर्म के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट करे

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Answered by juitalwarkar
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हिंसा हीं मानव का परम धरम है। मानव को सदैव हिंसावादी होना चाहिए। कभी अहिंसा का साथ नहीं देना चाहिए।सारांश यह है कि उसकी जात से दूसरों को चाहे कितना ही फ़ायदा पहुँचे, अपना कोई उपकार न होता था, यहाँ तक कि वह रोटियों तक के लिए भी दूसरों का मुहताज था। दीवाना तो वह था और उसका गम दूसरे खाते थे। आख़िर जब लोगों ने बहुत धिक्कारा-- 'क्यों अपना जीवन नष्ट कर रहे हो, तुम दूसरों के लिए मरते हो, कोई तुम्हारा भी पूछने वाला है?

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