Hindi, asked by vinitrathod, 3 months ago

हँसी शरीर के स्वास्थ्य को शुभ संवाद देने वाली है। वह एक साथ ही शरीर और मन को प्रसन्न करती है। पाचन-शक्ति बढ़ाती है रक्त को चलाती है और अधिक पसीना लाती है। हँसी एक शक्तिशाली दवा है। एक डॉक्टर कहता है कि वह जीवन की मीठी मदिरा है। डॉक्टर यूंड कहता है कि आनंद से बढ़कर बहुमूल्य वस्तु मनुष्य के पास और नहीं है। कारलाइल एक राजकुमार था। संसार त्यागी हो गया था वह कहता है कि जो जी से हँसता है वह कभी बुरा नहीं होता। जी से हँसो तुम्हें अच्छा लगेगा। अपने मित्र को हँसाओ वह अधिक प्रसन्न होगा। शत्रु को हँसाओ तुम से कम घृणा करेगा। एक अनजान को हँँसाओ उसका दुख घटेगा। निराश को हँसाओ उसकी आशा बढ़ेगी। एक बूढ़े को हँसाओ वह अपने को जवान समझने लगेगा। एक बालक को हँसाओ उसके स्वास्थ्य में वृद्धि होगी। वह प्रसन्न और प्यारा बालक बनेगा। पर हमारे जीवन का उद्देश्य केवल हुंसी ही नहीं है हमको बहुत काम करने हैं। यद्यपि उन कामों में कष्टों में और चिंताओं में एक सुंदर आंतरिक हँसी बड़ी प्यारी वस्तु भगवान ने दी है। प्रश्र: 1. गद्यांश का उपयुक्त शर्षक लिखिए। प्रश्र्रः 2 हैंसी के विषय में पुराने लोगों का कहना क्या था? प्रश्रः 3. 'जिंदगी जिंदादिली का नाम है'-का आशय स्पष्ट कीजिए। प्रश्र 5. आनंद की तुलना किससे की गई है और क्यों?​

Answers

Answered by nazaisha858Aisha
5

Answer:

1 'हंसी एक औषधि के समान है'

2जो जी से हंसता है वो कभी बुरा नहीं होता है।

3कियोंकि अगर दिल ज़िंदा है और हम प्रसन्न है तो हम जीवन

में शक्तिशाली हैं।

4आनन्द की तुलना बहुमूल्य वस्तु से की गई है कियोंकि आनन्द से बढ़कर बहुमूल्य वस्तु मनुष्य के पास ओर नहीं है।

Answered by amanpreet399399
0

Answer:

I don't know

Explanation:

sorry you can ask from someone else

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