होस्टल की व्यवस्था के लिए कौन प्रसिद्ध था?
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चिमनबाग स्थित नूतन स्कूल के समीप आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास में शुक्रवार को एसडीएम और तहसीलदार ने जांच की। इस दौरान वहां भारी अनियमितता पाई गई। गेहूं-चावल में कीड़े मिले। बर्तनों पर छिपकली घूमती पाई गई। बच्चों ने बताया शासन ने नाश्ता, दोपहर व रात के भोजन के लिए जो मैन्यू तय किया वह नहीं दिया जा रहा। सुबह व रात को 300-300 मिली दूध के बजाय दिनभर में केवल 300 मिली दूध दिया जा रहा। सलाद नहीं दी जा रही। भोजन भी खराब दिया जा रहा। बताते हैं ये सभी छात्र खेल कोटे से हैं इसलिए उन्हें हैल्दी डाइट के लिए सरकार ने अलग मैन्यू बनाया है, लेकिन वह नहीं दिया जा रहा। खेल शिक्षक केवल रजिस्टर में हस्ताक्षर कर चले जाते हैं।
कलेक्टर पी. नरहरि के आदेश पर एसडीएम अनिल बनवारिया और तहसीलदार राजकुमार हलधर ने जांच की। इस दौरान होस्टल अधीक्षक कुछ देर साथ रहे, लेकिन जब अनियमितता सामने आने लगी तो वहां से रवाना हो गए। अफसरों ने बताया जांच में पाया गया कि गोदाम में जो गेहूं, चावल व अन्य खाद्य सामग्री रखी है उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं है। गोदाम में ही कई टूटे पलंग पड़े हैं। यहां छात्रों की सख्या 100 है लेकिन पलंग केवल 80 हैं। कुछ पलंग पर दो-दो छात्रों को सुलाया जा रहा है। वहीं सुविधाघर भी मात्र दो हैं। जानकारी सामने आने के बाद अधिकारियों ने ठेकेदार को फटकार लगाते हुए छह और सुविधाघरों का निर्माण 10 दिन में करने के निर्देश दिए। ये निर्माण चार माह से लंबित है।
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