हॉस्टल में रहने वाले अपने मित्र को फिजूलखर्ची की आदत पड़ गई है उसके दुष्परिणामों के विषय में सचेत करते हुए पत्र लिखिए
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Answers
पत्र लेखन।
Explanation:
फिजूलखर्ची के दुष्प्रभावों के बारे में सचेत करते हुए मित्र को पत्र:
नैतिक विला,
जी.एन. मार्ग,
गंगापुर,
सातारा।
१७ जुलाई, २०२१
प्रिय मित्र सार्थक,
नमस्ते।
कैसे हो तुम सार्थक? मैं यहाँ स्वस्थ हूँ। यही उम्मीद करता हूँ कि तुम भी स्वस्थ होंगे।
कल तुम्हारे भाई का पत्र मिला, पत्र पढ़कर मालूम पड़ा कि तुम्हें फिजूल खर्च करने की आदत पड़ गई है। सार्थक यह आदत बेहद बुरी है और इसके कई दुष्परिणाम है।
फिजूलखर्ची की वजह से पैसों का गलत उपयोग होता है, जिससे जरूरत के समय पर पैसों का अभाव महसूस होने लगता है। इससे हमें पैसों की एहमियत नही पता चलती।
फिजूलखर्ची के कारण हम जरूरत न पड़नेवाली चीज़ों को खरीद डालते है। पैसों को बहुत मेहनत से कमाया जाता है।
इसलिए, पैसों को सोचसमझकर खर्च करना चाहिए और फिजूलखर्ची नही करनी चाहिए है। मैं उम्मीद करता हूँ कि अब से तुम फिजूलखर्ची करना बंद करोगे।
तुम्हारा मित्र,
जतिन।
अनौपचारिक पत्र :1. होस्टल में रहने वाले आपके मित्र को फिजूलखर्ची की आदत पड़ गयी है उसे इसके दुष्परिणामों के विषय में सचेत करते हुए पत्र