हास्य और व्यंग की कहानी लिखिए
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हास्य-व्यंग्य : जीवन के अंग जिस प्रकार विरोधी दल के नेताओं में नयी-नयी योजनाएं सूझती हैं। उसी तरह ट्रेन में यात्रा करते समय हमारे मस्तिष्क में विचित्र कल्पनाएं उछल-कूद मचाती हैं। उस दिन डॉ० गिरिराजशरण के साथ यात्रा में स्टेशन पर मालूम हुआ कि गाड़ी एक घंटे लेट है।
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