Hindi, asked by shivamvi9770, 7 months ago

हास्य रस की परिभाषा देते हुए उदाहरण भी लिखिए।​

Answers

Answered by bhagwat1376
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Explanation:

परिभाषा

जहाँ पर किसी विचित्र स्थितियों या परिस्थितियों के कारण हास्य की उत्पत्ति होती है उसे हास्य रस कहा जाता है । इसका स्थायी भाव हास होता हैं । इसके अन्तर्गत वाणी वेशभूषा, आदि की विकृति को देखकर मन में जो विनोद का भाव उत्पन्न होता है उससे हास की उत्पत्ति होती है, इसे ही हास्य रस कहा जाता है ।

उदाहरण

कथा सुनि भे मुनिवृन्द सुखारे। तं च क्रौंचपते: शिखी च गिरिजा सिंहोऽपिनागानर्न। निविं्वष्ण: स पयौ कुटुम्बकलहादीशोऽपिहालाहलम्।। चौंकि परो पितुलोक में बाप, सो आपके देखि सराध के पेरे।।

आशा है कि यह उत्तर आपके प्रयोग मे होगा।

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