हास्य रस का उदाहरण कोई बताये हमे
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रस की परिभाषा
जहाँ पर किसी विचित्र स्थितियों या परिस्थितियों के कारण हास्य की उत्पत्ति होती है उसे हास्य रस कहा जाता है । इसका स्थायी भाव हास होता हैं ।
उदाहरण :-
"चीटे न चाटते मूसे न सूँघते, बांस में माछी न आवत नेरे,
आनि धरे जब से घर मे तबसे रहै हैजा परोसिन घेरे,
माटिहु में कछु स्वाद मिलै, इन्हैं खात सो ढूढ़त हर्र बहेरे,
चौंकि परो पितुलोक में बाप, सो आपके देखि सराध के पेरे।
जहाँ पर किसी विचित्र स्थितियों या परिस्थितियों के कारण हास्य की उत्पत्ति होती है उसे हास्य रस कहा जाता है । इसका स्थायी भाव हास होता हैं । "
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