हँसने का एक सामाजिक पक्ष भी होता है हँसकर हम लोगो को अपने निकट ला सकते है
और व्यंग करके उन्हें दूरस्थ बना देते है जिसको भागना हो, उसकी थोड़ी देर हँसी खिल्ली
उड़ाइए वह तुरंत बोरिया बिस्तर गोलकर पलायान करेगा | जितनी मुक्त हँसी होगी उतना
समीप व्यक्ति खिंचेगा इसलिए तो श्रोताओ की सहानुभूति अपनी ओर घसीटने के लिए चतुर
वक्ता अपना भाषण किसी रोचक कहानी था घटना से आरंभ करते है | जनता यदि हस्ती तो
चुंगल में फँसी | सामाजिक नियमो और मूल्यों को मान्यता दिलाने और रूढ़ियों को
निष्कासित करने में पुलिस या कानून सहायता नहीं करता, किंतु वहाँ हास्य का चाबुक अचूक
बैठता है | हास्य के कोड़े : उपहास का डंक और व्यंग्यवाण नारकर आदमी को रास्ते पर
लाया जा सकता है । इस प्रकार गुमराह बने हुए समाज की रक्षा की जा सकती है ।
ननना चंगाल में कन फंसती है
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हँसने का एक सामाजिक पक्ष भी होता है हँसकर हम लोगो को अपने निकट ला सकते है
और व्यंग करके उन्हें दूरस्थ बना देते है जिसको भागना हो, उसकी थोड़ी देर हँसी खिल्ली
उड़ाइए वह तुरंत बोरिया बिस्तर गोलकर पलायान करेगा | जितनी मुक्त हँसी होगी उतना
समीप व्यक्ति खिंचेगा इसलिए तो श्रोताओ की सहानुभूति अपनी ओर घसीटने के लिए चतुर
वक्ता अपना भाषण किसी रोचक कहानी था घटना से आरंभ करते है | जनता यदि हस्ती तो
चुंगल में फँसी | सामाजिक नियमो और मूल्यों को मान्यता दिलाने और रूढ़ियों को
निष्कासित करने में पुलिस या कानून सहायता नहीं करता, किंतु वहाँ हास्य का चाबुक अचूक
बैठता है | हास्य के कोड़े : उपहास का डंक और व्यंग्यवाण नारकर आदमी को रास्ते पर
लाया जा सकता है । इस प्रकार गुमराह बने हुए समाज की रक्षा की जा सकती है ।
ननना चंगाल में कन फंसती है|
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हँसने का समाजिक पक्षी भी होता है । हँसकर हम लोगों को अपने निकट ला सकते है और व्यंग्य कर उन्हें दूरस्थ बना देते है। जिस का भगाना ही उसकी थोड़ी देर हँसी - खिल्ली उडाईए, वह तुरंत बोरिया • विस्तर गोलकर - पलायन करेगा। जितनी मुक्त हँसी होगी, उतना समीप व्यक्ति खींचेगा । इसलिए तो श्रोताओं की सहानुभूति अपने और घसीटने के लिए चतुर वक्ता अपना भाषण किसी रोचक कहानी या घटना से आरंभ करते है । समाजिक नियमों और मुल्यो को मान्यता दिलाने पर रूढ़ियों का निष्कासित करने में पुलिस या कानून सहायता नहीं करता, किंतू वहाँ हास्य चावूक अचूक बढ़ता है । हास्य के कोड़े उपहास डक और व्यंग्य बाण मारकर आदमी को रास्ते पर लाय जा सकता - है । इस प्रकार गुमराह बने हुए समाज की रक्षा की जा सकती है ।
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