Hindi, asked by rajeevsonik, 5 months ago

होते हुए भी वहाँ वह घंटों प्रयोग करती
रहती थी। प्रयोगशाला में उसका साथ
देने के लिए तकनीशियन रहता था।
कल्पना एक अन्य भारतीय लड़की के
साथ रहती थी। चाय की चुस्कियों के
बीच वह अपने साथियों से अनेक विषयों
पर परिचर्चा करती थी। ऐसे ही क्षणों
में एक दिन कल्पना ने अंतरिक्ष में उड़ान
भरने की अपनी इच्छा व्यक्त की थी।
जीन पियरे से कल्पना की भेंट
धीरे-धीरे मित्रता में बदल गई।
विश्वविद्यालय परिसर में ही 'फ्लाइंग
क्लब' होने से कल्पना वहाँ प्राय: जाने
लगी थी। पलाइंग कालान होने​

Answers

Answered by ramachouhan188
0

Answer:

होते हुए भी वहाँ वह घंटों प्रयोग करती

रहती थी। प्रयोगशाला में उसका साथ

देने के लिए तकनीशियन रहता था।

कल्पना एक अन्य भारतीय लड़की के

साथ रहती थी। चाय की चुस्कियों के

बीच वह अपने साथियों से अनेक विषयों

पर परिचर्चा करती थी। ऐसे ही क्षणों

में एक दिन कल्पना ने अंतरिक्ष में उड़ान

भरने की अपनी इच्छा व्यक्त की थी।

जीन पियरे से कल्पना की भेंट

धीरे-धीरे मित्रता में बदल गई।

विश्वविद्यालय परिसर में ही 'फ्लाइंग

क्लब' होने से कल्पना वहाँ प्राय: जाने

लगी थी। पलाइंग कालान हहोन

Similar questions