Social Sciences, asked by monujatav2006, 9 months ago

हिटलर के बारे में हिंदी में लिखिए​

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Answered by shauryachand33
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सबसे क्रूर तानाशाह के नाम से मशहूर एडोल्फ हिटलर का जन्म 20 अप्रैल 1889 में हुआ था. ये उनका 129वां जन्मदिन है. हिटलर इतिहास के सबसे खतरनाक नेता माने जाते थे जिनके सामने पूरा विश्व कांपता था. हिटलर की वजह से मानव इतिहास का सबसे विनाशकारी युद्ध छिड़ा था. ये युद्ध दूसरा विश्व युद्ध था जिसकी वजह से करोड़ों लोगों की जान गई.

जानते हैं हिटलर के बारे में कुछ खास बातें

1. एडोल्फ हिटलर का 20 अप्रैल 1889 को ऑस्ट्रिया, में जन्म हुआ था.

2. वह एक प्रसिद्ध जर्मन राजनेता एवं तानाशाह थे. वे 'राष्ट्रीय समाजवादी जर्मन कामगार पार्टी' (NSDAP) के नेता थे. इस पार्टी को प्राय: 'नाजी पार्टी' के नाम से जाना जाता है.

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3. हिटलर का पहला प्‍यार एक यहूदी लड़की ही थी. मगर हिटलर के पास उस समय इतनी भी हिम्‍मत नहीं थी कि वह उस लड़की से अपने प्‍यार का इजहार कर सके.

4. हिटलर की जिंदगी का वह दिन सबसे खुशी भरा था जब, साल 1938 में टाइम्‍स मैगजीन ने हिटलर को 'द मैन ऑफ द ईयर' का टाइटल दिया था.

5. आधुनिक इतिहास में पहली बार हिटलर वह पहला इंसान था, जिसने धूम्रपान विरोधी अभियान का आगाज किया.

हिटलर की सनक का नतीजा था दूसरा विश्व युद्ध

6. महज 16 साल की उम्र में उन्होंने स्कूल छोड़ कर पोस्टकार्ड पर चित्र बनाकर अपना निर्वाह किया. प्रथम विश्वयुद्ध छिड़ने पर हिटलर सेना में भर्ती हो गये. उन्हें दो बार ‘आयरन क्राॅस’ से सम्मानित किया गया.

7. हिटलर की वजह से कई लोगों की जान गई. लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिस व्यक्त‍ि ने इंसानों के साथ क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं और दुनिया जिसके नाम से डरती थी, वह हिटलर शुद्ध रूप से शाकाहारी था. इतना ही नहीं, उसने पशु क्रूरता के खिलाफ एक कानून भी बनाया था.

8. उनके पिता ने तीन शादियां की. पहली बार अपने से बहुत ज्यादा उम्र की औरत से शादी की थी. दूसरी बार अपनी बेटी की उम्र की औरत से शादी की और आख‍िर में तीसरी बार हिटलर की मां से शादी की थी.

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9. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हिटलर की जाति नीति के कारण लगभग 1 करोड़ 10 लाख लोगों की मौत हुई थी. दूसरे विश्व युद्ध के कारण लगभग 6 करोड़ लोगों ने अपनी जान गंवाई थी.

10. हिटलर का सपना एक पेंटर बनने का था. मगर उसे 1907 और 1908 में Accdemy of fine arts ने दो बार रिजेक्ट कर दिया था.

11. आज भी हिटलर की मूंछो को ‘टुथब्रश मुछें’ कहा जाता है.

12. दुनिया में अपना खौफ पैदा करने वाला जर्मनी का तानाशाह हिटलर खुद भी हमेशा मौत के डर के साए में रहता था.

13. आश्चर्य की बात यह भी कि सन् 1939 में एडोल्फ हिटलर को शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था.

14. हिटलर का कहना था कि किसी देश को जीतने के लिए सबसे पहले उसके नागरिकों को काबू में करना चाहिए.

15. 30 अप्रैल 19 ऐसा माना जाता है कि जब रूसियों ने बर्लिन पर आक्रमण किया तो हिटलर ने 30 अप्रैल, 1945 को आत्महत्या कर ली थी.

Explanation:

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Answered by choudharypratik514
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Answer:

एडोल्फ हिटलर (20 April 1889 – 30 April 1945) एक जर्मन शासक थे। वे "राष्ट्रीय समाजवादी जर्मन कामगार पार्टी" (NSDAP) के नेता थे। इस पार्टी को प्राय: "नाजी पार्टी" के नाम से जाना जाता है। सन् 1933 से सन् 1945 तक वह जर्मनी के शासक रहे। हिटलर को द्वितीय विश्वयुद्ध के लिये सर्वाधिक जिम्मेदार माना जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध तब हुआ, जब उनके आदेश पर नात्सी सेना ने पोलैंड पर आक्रमण किया। फ्रांस और ब्रिटेन ने पोलैंड को सुरक्षा देने का वादा किया था और वादे के अनुसार उन दोनो ने नाज़ी जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी|

जीवनी

अडोल्फ हिटलर का जन्म आस्ट्रिया के वॉन नामक स्थान पर 20 अप्रैल 1889 को हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा लिंज नामक स्थान पर हुई। पिता की मृत्यु के पश्चात् 17 वर्ष की अवस्था में वे वियना चले गए। कला विद्यालय में प्रविष्ट होने में असफल होकर वे पोस्टकार्डों पर चित्र बनाकर अपना निर्वाह करने लगे। जब प्रथम विश्वयुद्ध प्रारंभ हुआ तो वे सेना में भर्ती हो गए और फ्रांस में कई लड़ाइयों में उन्होंने भाग लिया। 1918 ई. में युद्ध में घायल होने के कारण वे अस्पताल में रहे। जर्मनी की पराजय का उनको बहुत दु:ख हुआ।

1918 ई. में उन्होंने नाजी दल की स्थापना की। इसके सदस्यों में देशप्रेम कूट-कूटकर भरा था। इस दल ने यहूदियों को प्रथम विश्वयुद्ध की हार के लिए दोषी ठहराया। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण जब नाजी दल के नेता हिटलर ने अपने ओजस्वी भाषणों में उसे ठीक करने का आश्वासन दिया तो अनेक जर्मन इस दल के सदस्य हो गए। हिटलर ने भूमिसुधार करने, वर्साई संधि को समाप्त करने और एक विशाल जर्मन साम्राज्य की स्थापना का लक्ष्य जनता के सामने रखा जिससे जर्मन लोग सुख से रह सकें। इस प्रकार 1922 ई. में हिटलर एक प्रभावशाली व्यक्ति हो गए। उन्होंने स्वस्तिक को अपने दल का चिह्र बनाया जो कि हिन्दू धर्म में भी शुभ प्रतीक माना जाता है समाचारपत्रों के द्वारा हिटलर ने अपने दल के सिद्धांतों का प्रचार जनता में किया। भूरे रंग की पोशाक पहने सैनिकों की टुकड़ी तैयार की गई। 1923 ई. में हिटलर ने जर्मन सरकार को उखाड़ फेंकने का प्रयत्न किया। इसमें वे असफल रहे और जेलखाने में डाल दिए गए। वहीं उन्होंने मीन कैम्फ ("मेरा संघर्ष") नामक अपनी आत्मकथा लिखी। इसमें नाजी दल के सिद्धांतों का विवेचन किया। उन्होंने लिखा कि आर्य जाति सभी जातियों से श्रेष्ठ है और जर्मन आर्य हैं। उन्हें विश्व का नेतृत्व करना चाहिए। यहूदी सदा से संस्कृति में रोड़ा अटकाते आए हैं। जर्मन लोगों को साम्राज्यविस्तार का पूर्ण अधिकार है। फ्रांस और रूस से लड़कर उन्हें जीवित रहने के लिए भूमि प्राप्ति करनी चाहिए।

1930-32 में जर्मनी में बेरोज़गारी बहुत बढ़ गई। संसद् में नाजी दल के सदस्यों की संख्या 230 हो गई। 1932 के चुनाव में हिटलर को राष्ट्रपति के चुनाव में सफलता नहीं मिली। जर्मनी की आर्थिक दशा बिगड़ती गई और विजयी देशों ने उसे सैनिक शक्ति बढ़ाने की अनुमति की। 1933 में चांसलर बनते ही हिटलर ने जर्मन संसद् को भंग कर दिया, साम्यवादी दल को गैरकानूनी घोषित कर दिया और राष्ट्र को स्वावलंबी बनने के लिए ललकारा। हिटलर ने डॉ॰ जोज़ेफ गोयबल्स को अपना प्रचारमंत्री नियुक्त किया। नाज़ी दल के विरोधी व्यक्तियों को जेलखानों में डाल दिया गया। कार्यकारिणी और कानून बनाने की सारी शक्तियाँ हिटलर ने अपने हाथों में ले ली। 1934 में उन्होंने अपने को सर्वोच्च न्यायाधीश घोषित कर दिया। उसी वर्ष हिंडनबर्ग की मृत्यु के पश्चात् वे राष्ट्रपति भी बन बैठे। नाजी दल का आतंक जनजीवन के प्रत्येक क्षेत्र में छा गया। 1933 से 1938 तक लाखों यहूदियों की हत्या कर दी गई। नवयुवकों में राष्ट्रपति के आदेशों का पूर्ण रूप से पालन करने की भावना भर दी गई और जर्मन जाति का भाग्य सुधारने के लिए सारी शक्ति हिटलर ने अपने हाथ में ले ली।

1934 में जर्मनी और पोलैंड के बीच एक-दूसरे पर आक्रमण न करने की संधि हुई। उसी वर्ष आस्ट्रिया के नाजी दल ने वहाँ के चांसलर डॉलफ़स का वध कर दिया। जर्मनीं की इस आक्रामक नीति से डरकर रूस, फ्रांस, चेकोस्लोवाकिया, इटली आदि देशों ने अपनी सुरक्षा के लिए पारस्परिक संधियाँ कीं।

== हिटलर का उत्थान प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात जहाँ एक ओर तानाशी प्रवृति का उदय हुआ। वहीं दूसरी और जर्मनी में हिटलर के नेतृत्व में नाजी दल की स्थापना हुई। जर्मनी के इतिहास में हिटलर का वही स्थान है जो फ्रांस में नेपोलियन बोनाबार्ट का, इटली में मुसोलनी का और तुर्की में मुस्तफा कमालपाशा का। हिटलर के पदार्पण के फलस्वरुप जर्मनी का कार्यकलाप हो सका। उन्होने असधारण योग्यता, विलक्षण प्रतिभा और राजनीतिक कटुता के कारण जर्मनी गणतंत्र पर अपना अधिपत्य कायम कर लिया तथा जर्मनी में हिटलर का अभ्युदय और शक्ति की प्राप्ति एकाएक नहीं हुई। उनकी शक्ति का विकास धिरे- 2 हुआ। उनका जन्म 1889 ई. में आस्ट्रिया के एक गाँव में हुआ था। आर्थिक कठिनाईयों के कारण उसकी शिक्षा अधुरी रह गई। वे वियेना में भवन निर्माण कला की शिक्षा लेना चाहते थे। लेकिन उसके भाग्य में तो जर्मनी का पुर्णनिर्माण लिखा था। प्रथम विश्व युद्ध से ही उनका भाग्योदय होने लगा। वे जर्मन सेना में भर्ती हो गए। उन्हें बहादुरी के लिए Iron Cross की उपाधि मिली। युद्ध समाप्ति के पश्चात् उन्होंने सक्रिय राजनीति में अभिरुची लेना शुरु किया।

हिटलर का चांसलर बनना

बढ़ते हुए प्रभाव को देखकर उन्हे चांसलर बनने के लिए आमंत्रित किया गया। सन् 1933 में उन्होंने इस पद को स्वीकार कर लिया। 1934 में उन्होने राष्ट्रपति और चांसलर के पद को मिलाकर एक कर दिया। और उन्होंने राष्ट्र नायक की उपाधि धारण की। इस प्रकार उनके हाथों में समस्त सत्ता केंद्रित हो गई। इस तरह अपनी विशिष्ट योग्यता के बल पर निरंतर प्रगति करता गया। और विश्व में महान व्यक्ति के रूप में उभर कर सामने आया। हिटलर तथा उनकी पार्टी के उत्थान के निम्नलिखित कारण थे जो इस प्रकार है।

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