हिटलर की गृह नीति क्या है
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Answer; हिटलर की गृह नीति
विरोधियों का सफाया
प्रशासनिक सत्ता हस्तगत करने के तुरंत बाद ही हिटलर ने नात्सी दल के प्रमुख विरोधियों को जर्मनी के राजनीतिक रंगमंच से पूर्ण रूप से हटा दने का निश्चय किया। इस समय नात्सी दल के दो प्रमुख विरोधी थे। एक मार्क्स के अनुयायी साम्यवादी और दूसरे यहूदी, चाहे वे किसी भी दल से संबंधित क्यों न हों। इन दोनों वर्गों के प्रमुख नेताओं को पकङ लिया गया और हजारों की संख्या में उनके अनुयायियों को कारागार में ठूँस दिया गया। कारागार के उन पर नाना प्रकार के अत्याचार को छोङकर नात्सी दल की सदस्यता ग्रहण कर लें। यहूदी जाति से नाजी शासन अत्यधिक असंतुष्ट था और चाहता था कि यहूदी लोग जर्मनी से चले जाएँ। हिटलर के सहायक गोएरिंग ने यहूदियों को नेस्तनाबूद करने के लिये गेस्टापो और समाधि-स्थलों की स्थापना की जहाँ यहूदियों पर अमानवीय अत्याचार किए गए। परिणाम यह निकला कि जर्मनी के अनेक यहूदी करोङपति, विद्वान, कलाकार आदि लोग जर्मनी छोङकर भाग गए। इसके बाद उन लोगों पर जुल्म ढाए गए जो अपनी परंपरागत संस्कृति को त्याग कर नात्सी दल की सदस्यता ग्रहण करने को तैयार न थे।
अपने विरोधियों का सफाया करने के संबंध में नात्सीदल ने उन सभी राजनैतिक दलों को समाप्त कर दिया जिन्हें मार्क्स के सिद्धांतों से प्रेरणा मिलती थी। उनके साथ काफी कङाई की गई। उनकी सभाओं और अखबारों पर प्रतिबंध लगा दिए गए। उनके कोषों को जब्त कर लिया गया और उनके नेताओं को जेलों में ठूँस दिया गया। नात्सी सरकार की इस नीति को देखकर कई राजनैतिक दलों ने स्वयं अपने आपको भंग कर दिया। अब केवल एक दल, एक नेता और एक साम्राज्य के सिद्धांत का अनुकरण किया गया।
हिटलर की गृह नीति
जर्मनी के इस पुनर्निर्माण में जो राजनीतिक विचारधारा काम कर रही थी, वह इटली के फासिस्टवाद से मिलती-जुलती थी। फासिस्टों की भाँति नाजियों ने भी समष्टिवादी राज्य की घोषणा की, जिसकी सत्ता स्वयं अपने विकास के लिये है और नागरिक का प्रत्येक कार्य, प्रत्येक स्थिति में उसी की हित-कामना से प्रेरित होना चाहिए। प्रजातांत्रिक राज्य में नागरिकों को जो मूल अधिकार उपलब्ध होते हैं, नात्सी शासन उनका घोर विरोधी था। समष्टिवादी प्रजातंत्र की इन परंपरागत स्वतंत्रताओं को सिद्धांततः और व्यापक रूप में निराकृत करते हैं।