हिटलर की विदेश नीति की तीन विशेषताएं..
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Answer:
1) राष्ट्र संघ का त्याग - ...
(2) पोलैण्ड के साथ समझौता - ...
(3) सार प्रदेश का जर्मनी में विलय - ...
(4) जर्मनी के शस्त्रीकरण की घोषणा - ...
(5) इंग्लैण्ड के साथ समझौता - ...
(6) राइन प्रदेश का सैन्यीकरण - ...
(7) 'रोम-बर्लिन-टोकियो धुरी' का निर्माण - ...
(8) ऑस्ट्रिया का जर्मनी में विलय-
Step-by-step explanation:
हिटलर की विदेश नीति
हिटलर अपने समय में यूरोप महाद्वीप का महान व्यक्ति था। वह जर्मन राष्ट्रवाद ती भावना से प्रेरित था । उसने अपने वैदेशिक क्रियाकलापों द्वारा समस्त विश्व को आश्चर्यचकित कर दिया । वैदेशिक क्षेत्र में उसने अग्रलिखित मुख्य कार्य किए
(1) राष्ट्र संघ का त्याग -
राष्ट्र संघ की प्रसंविदा व उद्देश्य में हिटलर को कोई विश्वास नहीं था। अतः उसने सर्वप्रथम 14 अक्टूबर,1933 को जर्मनी को राष्ट्र संघ की सदस्यता से अलग करने की घोषणा की।
(2) पोलैण्ड के साथ समझौता -
पोलैण्ड व जर्मनी के सम्बन्ध शत्रुतापूर्ण थे। किन्तु हिटलर ने अपनी कूटनीतिक योग्यता के बल पर 23 जनवरी, 1934 को पोलैण्ड के साथ समझौता करने में सफलता प्राप्त की, जिसके फलस्वरूप दोनों देशों को एक-दूसरे से खतरा समाप्त हो गया।
(3) सार प्रदेश का जर्मनी में विलय -
सन् 1935 में सार प्रदेश की जनता द्वारा दिए गए जनमत के आधार पर सार प्रदेश को जर्मनी में विलीन कर दिया गया।
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