हिंदी भाषा के बढ़ते कदम
कल से आज तक पर
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हिन्दी भाषा के बढ़ते कदम .. विश्व भाषा की ओर
हिंदी भाषा का जन्म लगभग 1000 ईस्वी में हुआ था लेकिन उसमे साहित्य रचना का कार्य सन 1150 के आस पास हुआ | राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी द्वारा सन 1917 में भरूच ( गुजरात ) में सर्वप्रथम राष्ट्रभाषा के रूप हिंदी को मान्यता प्रदान की गयी | 14 सितम्बर 1949 को सविधान सभा ने एकमत से हिंदी को राजभाषा का दर्जा देने का निर्णय लिया और सन 1950 में सविधान के अनुच्छेद 343 (1) के द्वारा हिंदी के देवनागरी लिपि को राजभाषा का दर्जा दिया गया | हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए सन 1953 से 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा |
अन्तराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी के प्रति जागरूकता पैदा करने और हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिए विश्व हिंदी सम्मलेन जैसे समारोह की शुरुआत की गयी | 10 जनवरी 1975 को नागपुर से शुरू हुआ यह सफ़र आज भी जारी है | अब इस दिवस को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है |
हिंदी का प्रचार प्रसार और लोकप्रियता पुरे विश्व में इस कदर बढ़ा है कि हिंदी भाषा आज भारत ही नही पुरे विश्व में एक विशाल क्षेत्र और जनसमूह की भाषा है | 1952 में हिंदी भाषा प्रयोग होने वाली भाषाओ में पाचवें स्थान पर थी | 1980 के आस पास वह चीनी व अंग्रेगी के बाद तिसरे स्थान पर आ गयी | 1991 में पाया गया की हिंदी बोलने वालों की संख्या पुरे विश्व में अंग्रेगी बोलने वालों की संख्या से अधिक है जो माध्यम वर्ग के लोगो में फैली है | इस मध्यम लोगो का भी आज विश्व में भागीदारी बढ़ी है जिससे अपने माल के प्रचार प्रसार , गुणवत्ता आदि के लिए हिंदी भाषा को अपनाना बहुराष्ट्रीय कंपनियों की विवशता है और उनकी यही विवशता आज हिंदी के प्रचार प्रसार और लोकप्रिय होने की शक्ति बन गयी है |
विदेशो में 25 से अधिक पत्र – पत्रिकाएं लगभग नियमित रूप से हिंदी में प्रकाशित होती है | यु ए इ के ’ हम ‘ एफ एम सहित अनेक देश जैसे बी बी सी लन्दन , जर्मनी के डायचे वेले , जापान के एन एच के वर्ल्ड और चीन के चाइना रेडिओ इन्टरनेशनल हिंदी में प्रसारित हने वाले कार्यक्रम है |
हिंदी का प्रसार , लोकप्रियता जिस कदर बढ़ी है और आज यह विश्व की दूसरी बोलने वाली भाषा बन गयी है बहुत जल्द ही यह विश्व भाषा के रूप में उभरेगी ....