Hindi, asked by anjalirajput5001, 8 months ago

हिंदी भाषा साहित्य के क्रमिक विकास पर प्रकाश डालिए​

Answers

Answered by unnati5959
0

Hope it helps u ☺️

हिन्दी भाषा व साहित्य के जानकार अपभ्रंश की अंतिम अवस्था 'अवहट्ट' से हिन्दी का उद्भव स्वीकार करते हैं। ... यह रचना-परम्परा आगे चलकर शौरसेनी अपभ्रंश या प्राकृताभास हिन्दी में कई वर्षों तक चलती रही। पुरानी अपभ्रंश भाषा और बोलचाल की देशी भाषा का प्रयोग निरन्तर बढ़ता गया।

pls mark me as brainlist and pls follow me!

Similar questions