हिंद चीन मे फ्रांसीसी प्रसार का वर्णन करे
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हिन्द-चीन आनेवाले यूरोपियनों में पुर्तगाली, डच, स्पेन, अंग्रेज तथा फ्रांसीसी थे। इनमें से केवल फ्रांस ही इस भू-भाग पर राजनीतिक प्रभुता कायम करने हेतु सक्रिय रहा। 1747 ईo में फ्रांस ने व्यापार के उद्देश्य से अन्नाम के साथ राजनीतिक संबंध बनाया। 1787 ईo में फ्रांसीसी सहायता से कोचीन-चीन का राजा विद्रोह दबाने में सफल रहा। फलत: दोनों में संधि हो गई। 19वीं सदी के प्रारम्भ में अन्नाम और कोचीन-चीन में फ्रांसीसी पादरियों के विरुद्ध उग्र आंदोलन छिड़ गया। फ्रांस ने सैन्य बल पर 1862 ईo में अन्नाम को संधि के लिए बाध्य किया। 1863 ईo में कम्बोडिया भी फ्रांस का संरक्षित राज्य बन गया। 1873 ईo में फ्रांस ने तोकिन के कुछ भागों पर अपनी सत्ता स्थापित कर ली। 1884 ईo फ्रांस ने अन्नाम को अपना संरक्षित राज्य बना लिया। 1893 ईo में फ्रांस ने लाओस के रूप में नया फ्रांसीसी संरक्षित क्षेत्र बनाया जिसमें 1904 ईo में कुछ और क्षेत्र जुड़ गये। इस प्रकार, 20वीं शताब्दी के प्रारम्भ होते ही सम्पूर्ण हिन्दि-चीन फ्रांस की आधीनता में आ गया।
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हिन्द-चीन आनेवाले यूरोपियनों में पुर्तगाली, डच, स्पेन, अंग्रेज तथा फ्रांसीसी थे। इनमें से केवल फ्रांस ही इस भू-भाग पर राजनीतिक प्रभुता कायम करने हेतु सक्रिय रहा। 1747 ईo में फ्रांस ने व्यापार के उद्देश्य से अन्नाम के साथ राजनीतिक संबंध बनाया। 1787 ईo में फ्रांसीसी सहायता से कोचीन-चीन का राजा विद्रोह दबाने में सफल रहा। फलत: दोनों में संधि हो गई। <br> 19वीं सदी के प्रारम्भ में अन्नाम और कोचीन-चीन में फ्रांसीसी पादरियों के विरुद्ध उग्र आंदोलन छिड़ गया। फ्रांस ने सैन्य बल पर 1862 ईo में अन्नाम को संधि के लिए बाध्य किया। 1863 ईo में कम्बोडिया भी फ्रांस का संरक्षित राज्य बन गया। 1873 ईo में फ्रांस ने तोकिन के कुछ भागों पर अपनी सत्ता स्थापित कर ली। 1884 ईo फ्रांस ने अन्नाम को अपना संरक्षित राज्य बना लिया। 1893 ईo में फ्रांस ने लाओस के रूप में नया फ्रांसीसी संरक्षित क्षेत्र बनाया जिसमें 1904 ईo में कुछ और क्षेत्र जुड़ गये। इस प्रकार, 20वीं शताब्दी के प्रारम्भ होते ही सम्पूर्ण हिन्दि-चीन फ्रांस की आधीनता में आ गया।