हिंदी गृहकार्य -जीवन में कर्म का महत्व इस विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए | मुख्य बिंदु (१) कर्म के बिना जीवन सफल नहीं होता I(२) कर्म के लिए बुद्धि और विवेक अनिवार्य है I (३) असफल होने पर भी हमें बार बार प्रयास करना चाहिए I
Answers
Answer:
जीवन में कर्म का महत्व :
(1):कर्म के बिना जीवन संभव नहीं : - प्रत्येक जीव अपने अपने पूरे जीवन काल में प्रत्येक क्षण कुछ न कुछ काम (कर्म) करता ही रहता है। सभी छोटे से छोटे जीव, हम मानव यहां तक कि प्रकृति भी हमेशा बिन रुके अपना काम करता रहता है। सोना - जागना, मलत्याग, भोजन करना, दौड़ना, मजदूरी करना, भजन कीर्तन करना, पढ़ना, गाना, पाचन, उत्सर्जन, सभाओं में भाग लेना सूर्य का उगाना और डूबना हवा का चलना आदि ये सभी कार्य ही है। कुछ कर्य शारीरिक होते हैं तो कुछ मानसिक, कुछ सामाजिक होते है तो कुछ रोमांचकारी और कुछ प्राकृतिक कर्य भी होते हैं।
अतः बिना कार्य के जीवन संभव नहीं है।
(2):- सभी जीव जो कार्य करते हैं उनका मकसद एकही होता है अपने जीवन को सुचारू और सफल तरीके से व्यतीत करना। इसलिए कार्यो को विवेकपूर्ण करना परम आवश्यक है अनयथा कार्य तो बिगरते ही हैं जीवन भी संकट मे पर जाता है। जैसे - यदि हम स्कूल में सही समय और ठीक तरीके से नहीं जाएंगे तो हमे अधूरा ज्ञान मिलेगा जो खतरनाक है।
अतः कार्यो को सफल करने के लिए विवेक और सिद्धांत की आवश्यकता होती है।
(3):- कर्म हमारे जीवन का आधार है इससे कोई बच नहीं सकता चाहे अमीर हो या गरीब, आलसी हो या मेहनती। कर्म सच्ची लगन से करना चाहिए। कई बार अच्छे कर्य करने पर भी मन वांछित फल नहीं मिलता तो विचलित नहीं होना चाहिए। क्यू की गीता मे भगवान कहते हैं "तुम निरंतर कार्य करो फल की चिंता ना करो, तुम्हारा लक्ष्य ही है कर्म करना फल तो भविष्य के हाथों में है अतः जब उचित समय आयेगा फल आवश्य मिलेगा।" हमे कर्म बार - बार करना चाहिए। यदि सफल होने पर हम अपने कार्यो को छोड़ देते हैं तो हमारा जीवन स्थिर हो जाता है।
इसलिए हमे कर्म बार बार करना चाहिए सफल होने के बाद भी।