Hindi, asked by binodkumar22373, 4 months ago

हिंदी के संदर्भ में शुद्धतावादी होने का क्या तात्पर्य है 1.दूसरी भाषाओं के शब्दों से पrhej. 2 शुद्ध लिखना
3. शुद्ध उच्चारण करना
4 इनमें से कोई नहीं​

Answers

Answered by pramodkumarjanghel99
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Explanation:

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Answered by bhatiamona
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हिंदी के संदर्भ में शुद्धतावादी होने का क्या तात्पर्य है

1.दूसरी भाषाओं के शब्दों से परहेज.

2 शुद्ध लिखना

3. शुद्ध उच्चारण करना

4 इनमें से कोई नहीं

इसका सही जवाब होगा :

2.  शुद्ध लिखना

व्याख्या :

भाषा के शुद्धतावादी होने से तात्पर्य भाषा के शुद्ध लिखने से है। भाषा ध्वनि और संकेतों का मेल होती है, जो हमारे मुख से निकलते हैं। बोलचाल की भाषा में हम जल्दी-जल्दी में कभी-कभी उच्चारण गलत कर बैठते हैं, लेकिन किसी भाषा को गलत रूप से लिखेंगे तो उसका स्वरूप बिगड़ता जाएगा। भाषा हमेशा शुद्ध रूप में ही लिखी जानी चाहिए। यदि भाषा शुद्ध रूप में लिखेंगे तो उसे उच्चारित भी शुद्ध रूप में करेंगे। इसलिये हिंदी के सदंर्भ में भाषा का शुद्धतावादी होने का तात्पर्य उसके शुद्ध रूप में लिखने से है।

#SPJ3

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