Hindi, asked by kirtanhindu7145, 9 months ago

हिंदी कहानी व्यापारी और गधा A Merchant and His Donkey in Hindi Story

Answers

Answered by Stylishhh
4

Answer:

एक बार की बात है , एक व्यापारी सुबह सुबह अपने गधे के ऊपर नमक के बैग लाद रहा था ,जिससे वह बाजार जाकर उन्हें बेच सके। । व्यापारी और उसका गधे एक साथ चल रहे थे। वे रास्ते पर अधिक दूर नहीं चले गए थे की के तभी रास्ते में एक नदी पड़ी।

दुर्भाग्य से, गधा फिसल गया और नदी में गिर गया। जैसे ही गधा वापस खड़ा होकर नदी के किनारे पहुंचा ,उसने देखा कि उसकी पीठ पर नमक का बैग हल्का हो गया था।

अब व्यापारी के पास घर वापस लौटने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था। अगले दिन उसने गधे को वापस नमक से भरे बैग से लादा और नमक बेचने निकल पड़ा। जैसे ही वह फिसलन भरी नदी के पास पहुंचे,इस बार गधा जानबूझकर नदी में फिसल गया। इस प्रकार नमक एक बार फिर से बर्बाद हो गया।

अब व्यापारी को गधे की चाल अच्छे से समझ आ गई थी। वह गधे को एक सबक सिखाना चाहता था। चूंकि वह गधे के साथ दूसरी बार घर लौट आया, इसलिए इस बार व्यापारी ने गधे की पीठ पर स्पंज से भरे हुए बैग लाद दिए।

दोनों ने बाजार जाने के लिए अपनी यात्रा तीसरी बार शुरू की। नदी के पास पहुंचने पर, गधा बहुत चतुराई से पानी में फिर से गिर गया। लेकिन अबकी बार हल्का होने की बजाय भारी हो गया

व्यापारी गधे पर हँसा और कहा, "मूर्ख गधे, अब मै तेरी चाल समझ गया हूँ। तुम्हे पता होना चाहिए के एक ही चाल से किसी को बार-बार बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है।

Hope it Helps !!!!

Answered by Anonymous
2

हेलो मित्र मैंने आपके लिए एक कहानी लिखी है मुझे लगता है आपको यह कहानी पसंद आएगी अगर आपको यह कहानी पसंद आएगी तो इसे ब्रेनलिएस्ट मार कर दीजिए और थैंक्स जरूर दीजिए!

एक बार की बात है , एक व्यापारी सुबह सुबह अपने गधे के ऊपर नमक के बैग लाद रहा था ,जिससे वह बाजार जाकर उन्हें बेच सके। । व्यापारी और उसका गधे एक साथ चल रहे थे। वे रास्ते पर अधिक दूर नहीं चले गए थे की के तभी रास्ते में एक नदी पड़ी।

दुर्भाग्य से, गधा फिसल गया और नदी में गिर गया। जैसे ही गधा वापस खड़ा होकर नदी के किनारे पहुंचा ,उसने देखा कि उसकी पीठ पर नमक का बैग हल्का हो गया था।

अब व्यापारी के पास घर वापस लौटने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था। अगले दिन उसने गधे को वापस नमक से भरे बैग से लादा और नमक बेचने निकल पड़ा। जैसे ही वह फिसलन भरी नदी के पास पहुंचे,इस बार गधा जानबूझकर नदी में फिसल गया। इस प्रकार नमक एक बार फिर से बर्बाद हो गया।

अब व्यापारी को गधे की चाल अच्छे से समझ आ गई थी। वह गधे को एक सबक सिखाना चाहता था। चूंकि वह गधे के साथ दूसरी बार घर लौट आया, इसलिए इस बार व्यापारी ने गधे की पीठ पर स्पंज से भरे हुए बैग लाद दिए।

दोनों ने बाजार जाने के लिए अपनी यात्रा तीसरी बार शुरू की। नदी के पास पहुंचने पर, गधा बहुत चतुराई से पानी में फिर से गिर गया। लेकिन अबकी बार हल्का होने की बजाय भारी हो गया

व्यापारी गधे पर हँसा और कहा, "मूर्ख गधे, अब मै तेरी चाल समझ गया हूँ। तुम्हे पता होना चाहिए के एक ही चाल से किसी को बार-बार बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है।

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