हिंदी कविता जीवन पर )
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जिंदगी पर प्रेरक हिंदी कविताएं | Poems About Life in Hindi
पता ही नहीं चला – जीवन कविता
साइकिल के पैडल मारते हुए हाँफते थे उस वक्त ।
कब गाड़ियों में घूमने लगे, पता ही नहीं चला।।
हरे भरे पेड़ों से भरे हुए जंगल थे तब ।
कब हुए कंक्रीट के पता ही नहीं चला।।
कभी थे जिम्मेदारी मां बाप की हम ।
कब बच्चों के लिए हुए जिम्मेदार हम पता ही नहीं चला
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