हिंदी में खुले में शौच मुक्त प्रदेश/ज़िला पर निबंध।
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Hello buddy..
Harshi this side..
माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 2019 तक पांच वर्ष के भीतर देश को स्वच्छ बनाने के आह्वान के बाद पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन में प्रमुख भूमिका निभाई है। इसके लिए खुले में शौच से मुक्ति और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन आवश्यक है। चूंकि खुले में शौच का सीधा संबंध डायरिया से मृत्यु, बीमारी, अशिक्षा, कुपोषण और गरीबी से है, इसलिए इस कार्यक्रम के तहत पहले वर्ष में मुख्य रूप से इस समस्या को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। स्वच्छ भारत की शुरूआत से अब तक करीब 80 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया है। इस मामले का मूल बिंदु यह है कि हालांकि कार्यक्रम का केंद्र बिंदु शौचालय का निर्माण नहीं है लेकिन व्यवहार में बदलाव और स्वच्छता में समुदाय की भागीदारी पर ध्यान दिया जाना है। राज्य अपने सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक परिवेश के अनुसार अपनी पद्धति का चयन करने के लिए स्वतंत्र हैं।
जब पूरा गांव खुले में शौच से मुक्त होगा तभी स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। इसे पहचानते हुए मंत्रालय ने कवरेज बढ़ाने के अलावा गांवों को खुले में शौच से मुक्त करने (ओडीएफ) पर ध्यान केंद्रित किया है। खुले में शौच से मुक्ति के लिए अब मानक तैयार कर लिया गया है और राज्यों को समान परिभाषा दी गई है। अब राज्यों द्वारा ओडीएफ की पहचान की प्रक्रिया चल रही है। बेहतर कार्य करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए भी ढांचा तैयार किया जा रहा है ताकि परिणामों पर ध्यान केंद्रित किया जाये और कार्य तेजी से आगे बढ़े।
सदियों पुरानी आदतों और मानसिकता में बदलाव के लिए आवश्यक कौशल और क्षमता विकास पर प्रमुखता से ध्यान दिया गया है। कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण इकाई के रूप में जिले की पहचान की गई है और जिलाधीशों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वह कार्यक्रम का नेतृत्व कर सकें। देशभर से 206 जिलाधीशों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है इनमें से कई चैंपियन के रूप में उभरे हैं और अगले दो-तीन वर्षों में अपने जिलों को खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए कार्यनीति तैयार कर रहे हैं। राज्यों ने भी क्षमता विकास के लिए सामुदायिक कार्यशालाओं को अपनाया है और कई राज्यों में व्यवहार में बदलाव आना शुरू हो गया है।
इस वर्ष जम्मू और कश्मीर में बाढ़ के दौरान मंत्रालय ने बाढ़पीडि़तों के लिए कम समय में ही विमान द्वारा मोबाइल जल शोधन संयंत्र और पानी की बोतलों की व्यवस्था की। स्वच्छ भारत मिशन की सफलता में जल और स्वच्छता के बारे में जागरूकता अभियान तथा राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के जरिये पेयजल प्रदान करना सबसे बड़ी चुनौती है। मंत्रालय ने हाल ही में ‘पुरी रथ यात्रा’ में एक बड़ा अभियान चलाया और नासिक में चल रहे कुंभ मेले में भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाने के लिए यह ‘नागरिक आंदोलन’ 2019 में राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि होगी।
Hope it helps you buddy..
Harshi this side..
माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 2019 तक पांच वर्ष के भीतर देश को स्वच्छ बनाने के आह्वान के बाद पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन में प्रमुख भूमिका निभाई है। इसके लिए खुले में शौच से मुक्ति और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन आवश्यक है। चूंकि खुले में शौच का सीधा संबंध डायरिया से मृत्यु, बीमारी, अशिक्षा, कुपोषण और गरीबी से है, इसलिए इस कार्यक्रम के तहत पहले वर्ष में मुख्य रूप से इस समस्या को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। स्वच्छ भारत की शुरूआत से अब तक करीब 80 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया है। इस मामले का मूल बिंदु यह है कि हालांकि कार्यक्रम का केंद्र बिंदु शौचालय का निर्माण नहीं है लेकिन व्यवहार में बदलाव और स्वच्छता में समुदाय की भागीदारी पर ध्यान दिया जाना है। राज्य अपने सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक परिवेश के अनुसार अपनी पद्धति का चयन करने के लिए स्वतंत्र हैं।
जब पूरा गांव खुले में शौच से मुक्त होगा तभी स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। इसे पहचानते हुए मंत्रालय ने कवरेज बढ़ाने के अलावा गांवों को खुले में शौच से मुक्त करने (ओडीएफ) पर ध्यान केंद्रित किया है। खुले में शौच से मुक्ति के लिए अब मानक तैयार कर लिया गया है और राज्यों को समान परिभाषा दी गई है। अब राज्यों द्वारा ओडीएफ की पहचान की प्रक्रिया चल रही है। बेहतर कार्य करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए भी ढांचा तैयार किया जा रहा है ताकि परिणामों पर ध्यान केंद्रित किया जाये और कार्य तेजी से आगे बढ़े।
सदियों पुरानी आदतों और मानसिकता में बदलाव के लिए आवश्यक कौशल और क्षमता विकास पर प्रमुखता से ध्यान दिया गया है। कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण इकाई के रूप में जिले की पहचान की गई है और जिलाधीशों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वह कार्यक्रम का नेतृत्व कर सकें। देशभर से 206 जिलाधीशों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है इनमें से कई चैंपियन के रूप में उभरे हैं और अगले दो-तीन वर्षों में अपने जिलों को खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए कार्यनीति तैयार कर रहे हैं। राज्यों ने भी क्षमता विकास के लिए सामुदायिक कार्यशालाओं को अपनाया है और कई राज्यों में व्यवहार में बदलाव आना शुरू हो गया है।
इस वर्ष जम्मू और कश्मीर में बाढ़ के दौरान मंत्रालय ने बाढ़पीडि़तों के लिए कम समय में ही विमान द्वारा मोबाइल जल शोधन संयंत्र और पानी की बोतलों की व्यवस्था की। स्वच्छ भारत मिशन की सफलता में जल और स्वच्छता के बारे में जागरूकता अभियान तथा राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के जरिये पेयजल प्रदान करना सबसे बड़ी चुनौती है। मंत्रालय ने हाल ही में ‘पुरी रथ यात्रा’ में एक बड़ा अभियान चलाया और नासिक में चल रहे कुंभ मेले में भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाने के लिए यह ‘नागरिक आंदोलन’ 2019 में राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि होगी।
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