Hindi, asked by chandanji2377, 3 months ago

हिंदी में दिनचर्या को कैसे लिखें​

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Answered by MrInocent
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Answer:

मेरी दिनचर्या My Daily Routine in Hindi

विद्यालय जाना - विद्यालय जाने की बस यात्रा नहीं काम मज़ेदार नहीं होती है। ...

विद्यालय की कक्षाएँ - सुबह के सत्र में सबसे पहले गणित की कक्षा होती है ,उसके बाद अंग्रेजी और विज्ञान की कक्षाएँ होती है। ...

क्रिकेट खेलना - ...

होमवर्क पूरा करना -

Answered by goutamghawri123
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Answer:

प्रस्तावना– मैं आठवीं क्लाश का विद्यार्थी हूँ इस कारण मेरी नित्य दिनचर्या बड़े नियमों में बंधी हुई हैं. विगत वर्ष आयोजित वार्षिकोत्सव के मौके पर जिला कलक्टर महोदय ने विद्यार्थी जीवन में दिनचर्या के महत्व पर दिए  महत्वपूर्ण  भाषण   से अत्यधिक प्रेरित होकर मैंने इसे अपने जीवन का मूल मन्त्र बना दिया हैं. स्वास्थ्य, धन और बुद्धिमता जैसे गुणों के विकास में स्वस्थ और अनुशासित नित्य दिनचर्या का अहम योगदान हैं.

सुबह का कार्यक्रम– मैं कटिबद्ध रूप से अपनी दिनचर्या का पालन करता हूँ इसी कड़ी में मैं नित्य सवेरे पांच बजे उठता हूँ उठने के बाद शौच से निवृत होने के बाद ठंडे जल से नहाता हूँ फिर स्वच्छ कपड़े पहनकर सवेरे भ्रमण के बाद मन्दिर में दर्शन के लिए जाता हूँ.

वापिस घर लौटने के बाद दो बिस्कुट या एक डबलरोटी का टुकड़ा और एक गिलाश दूध के साथ अपना नाश्ता लेता हूँ. सवेरे नौ बजे तक मैं अपने कक्ष में जाकर पढ़ाई करता हूँ. पिछले दिन दिए गये गृहकार्य और पढ़ाई गयी विषयवस्तु को दोहराता हूँ. तथा अगले दिन के लिए पढाए जाने वाले पाठ को एक बार के लिए पढ़ लेते थे.

मैं एक विद्यार्थी होने के नाते मेरे विध्याध्यन का तरीका भी अलग हैं. कुछ लोग केवल परीक्षा के वक्त ही पढ़ते हैं मैं नियमित अध्ययन की ओर ध्यान देता हूँ तथा सत्र के पहले दिन से ही परीक्षा के पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए पढ़ाई में जुट जाता हूँ. मेरी नियमित दिनचर्या के पहले पड़ाव में सुबह के नित्यादी कार्य के बाद २ घंटे की पढ़ाई के बाद 9;30 को मैं विद्यालय के लिए घर से निकल जाता हूँ.

स्कूल का कार्यक्रम– मेरे एक दिन का दूसरा सफर दस बजे स्कूल में प्रवेश से आरम्भ होता हैं. २० मिनट के पैदल सफर के बाद मैं समय पर स्कूल पहुँचता हूँ तथा प्रार्थना आदि में भाग लेने के बाद 10:30 बजे से हमारी स्कूल क्लाश आरम्भ हो जाती हैं. मेरा शिक्षा स्तर काफी अच्छा रहा है विगत वर्षों में मैंने प्रथम श्रेणी से उतीर्ण की हैं.

गणित तथा अंग्रेजी विषयों में मेरी अच्छी पकड़ हैं तथा मैं अध्यापक जी द्वारा पूछे गये हर सवाल का जवाब देता हूँ. इस कारण कक्षा में मेरी पहचान एक होनहार विद्यार्थी के रूप में भी हैं.

मेरी कक्षा में कई छात्र ऐसे हैं जिनका पढ़ाई को लेकर कोई आकर्षण नहीं हैं. वे ठीक से न तो क्लाश में पढ़ते है न शिक्षक द्वारा पूछे किसी सवाल का जवाब देते है. परीक्षा के समय तैसे वैसे जुगाड़ करके पास होने के लिए माँ बाप या किसी पहचान वाले से सिफारिश करवाते हैं अथवा परीक्षा के समय में आगे पीछे बैठने वाले की तांक झांक में ही रहते हैं. मुझे ऐसे साथियों से हमेशा कड़ी शिकायत रहती हैं. मेरी क्लाश में विद्यालय के टाइम टेबल के मुताबिक़ पढ़ाई होती हैं. बारी बारी से अलग अलग विषयों के अध्यापक हमे पढ़ते हैं पहले तीन कालांशों में गणित विज्ञान और अंग्रेजी की पढाई होती है. मैं पूर्ण एकाग्रता भाव से कक्षा में उपस्थित रहने का प्रयास करता हूँ.

स्कूल के बाद का कार्यक्रम– विद्यालय के समयानुसार चार बजकर तीस मिनट पर हमारी क्लाशे खत्म कर छुट्टी कर दी जाती हैं मैं अपने दोस्तों के साथ उसी वक्त घर के लिए निकल जाता हूँ. घर आकर स्थानबद्ध कपड़े, जूते और स्कूल बैंग रखने के बाद हाथ धोकर खाने की टेबल पर जाता हूँ. सायं साढ़े पांच बजे पास ही के मैदान में खेलने के लिए निकल जाता हूँ.

खेल के मैदान में अपने साथियों के साथ क्रिकेट खेल खेलते हैं अगले दो घंटे तक हम क्रिकेट का भरपूर आनन्द लेते हैं. जब तक शरीर की ऊर्जा भी जवाब दे देती है और थके हारे पैर घर की तरफ चल पड़ते हैं. घर आकर ठंडे पानी से नहाने के बाद शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता हैं.

नहाने के बाद कुछ वक्त अपने दादाजी के साथ टहलने के लिए पार्क में चले जाते हैं. घर लौटने पर माताजी खाना बना चुकी होती हैं परिवार के सभी लोग साथ बैठकर खाना खाते हैं. खाने के बाद माँ और दादी के साथ हम टीवी देखते और रात नौ बजे अपने शयनकक्ष में सोने के लिए चला जाता हूँ.

रविवार का कार्यक्रम: हफ्ते का वह दिन जिसके आने का मुझे बड़ा इंतजार रहता हैं वह है रविवार. यह दिन रोजाना की दिनचर्या से हटकर कुछ अलग ही होता हैं, हालांकि सुबह उठने के बाद १० बजे तक मेरी दिनचर्या वही होती हैं जो सप्ताह के अन्य छः दिन की होती हैं.

स्कूल जाने के वक्त से रविवार के दिन मेरे कार्यक्रम बदल जाते हैं, सर्वप्रथम मैं अपने कमरे, अलमारी आदि की सफाई करने में लग जाता हूँ तथा बाद में अपने पापा के साथ सिनेमा के लिए जाते हैं. और सायं को अपने दोस्तों के साथ कहीं नजदीकी स्थान पर घुमने के लिए जाता हूँ. इस तरह रविवार का मेरी दिनचर्या में महत्वपूर्ण स्थान हैं.

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