Hindi, asked by 1234567891013, 5 months ago

हिंदी निबंध हमारे जीवन में व्यायाम का महत्व​

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Answered by yashwantnewastha
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Answer:

इस दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति हर समय किसी न किसी रोग से घिरा ही हुआ है। उन रोगों से बचने के लिए हर कोई व्यक्ति डॉक्टर या चिकित्सक के पास जाता है। परंतु उनमें से सभी डॉक्टर और चिकित्सक उस रोग या बीमारी को तो ठीक कर देते हैं परंतु स्वास्थ्य को कोई भी सही नहीं करता। अपने स्वास्थ्य को अच्छे से रखना का एक ही रास्ता है और वह है व्यायाम।

जो लोग व्यायाम और योग करते हैं वह लोग कभी भी आसानी से बीमार नहीं पड़ते हैं। रोग मात्र दुर्बल शरीर पर आक्रमण करता है और व्यायाम करने वाला व्यक्ति हमेशा तंदुरुस्त और शक्तिशाली रहता है। इसीलिए बीमारी या रोग से बचने का एकमात्र समाधान है व्यायाम।

प्रतिदिन व्यायाम करने से मनुष्य का मन उत्साहित रहता है और शरीर को शक्ति तथा स्फूर्ति मिलती है। अगर हम व्यायाम की तुलना डॉक्टरों द्वारा दी जाने वाली दवाइयों, विटामिन सिरप और इंजेक्शन के साथ करें तो सब व्यर्थ है।

एक बड़े चिकित्सक का कथन है कि जो डॉक्टर दवाइयों पर ज्यादा भरोसा किए बिना अपने रोगी का स्वास्थ्य सुधार दे वही सबसे बुद्धिमान और अच्छा डॉक्टर कहलाता है। बड़े-बड़े शोधकर्ताओं का कहना है की आज के युग में मनुष्य रोगों से कम और दवाइयों के कारण ज्यादा मर रहे हैं। इस से साफ पता चलता है की मनुष्य को दवाइयों से नहीं व्यायाम और योग जैसी क्रियाएं करके अपने स्वास्थ्य को मजबूत बनाना होगा।

Answered by koyelmandl
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वयायाम का अर्थ है – शरीर को इस तरह तानना सिकोड़ना कि वह सही स्थिति में कार्य कर सके । जिस प्रकार अच्छे भोजन से शरीर को पोषण मिलता है, उसी प्रकार से व्यायाम से शरीर लंबे समय तक उचित दशा में बना रहता है । व्यायाम से शरीर को सुगठित, तंदुरुस्त और फुर्तीला बनाया जा सकता है ।

आजकल अधिकतर काम मशीनों की सहायता से होते हैं । मशीनें आदमी को एक ही दशा में कार्य करते रहने के लिए विवश कर देती हैं । लोग बद कक्षों में बैठे या खड़े रहते हैं । यह अस्वास्थ्यप्रद स्थिति मानसिक तनाव और शारीरिक बीमारियों को जन्म देती है । परंतु प्रतिदिन व्यायाम किया जाए तो इस स्थिति में बदलाव लाया जा सकता है । हर दिन एक घंटे के व्यायाम से आदमी भिन्न-भिन्न प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक व्याधियों से दूर रह सकता है । इतना ही नहीं, वह मानसिक चिंता से मुक्त होकर, शारीरिक शक्ति एवं स्कूर्ति से युक्त होकर अपने दैनिक कार्यों को भली-भांति संचालित कर सकता है ।

व्यायाम से मानसिक तनाव और थकान मिटती है । शरीर का रक्त शुद्ध हो जाता है तथा पूरे शरीर में ताजगी आती है । व्यायाम यदि खुले स्थान में या किसी पार्क में किया जाए तो अधिक लाभ मिलता है । फेफड़ों को शुद्ध वायु पर्याप्त मात्रा में मिलती है । पेशियों और अस्थियों को ताकत मिलती है । शरीर का दर्द और ऐंठन मिट जाती है । ज्ञानेन्द्रियों में सजगता आती है । संपूर्ण शरीर प्राकृतिक दशा में कार्य करने लगता है । शारीरिक दुर्बलता और सुस्ती समाप्त हो जाती है । इस तरह व्यायाम के प्रभाव से शरीर में नवजीवन का संचार होता है । बूढ़े और बीमार लोग भी अपने भीतर स्कूर्ति का अनुभव करने लगते हैं ।

व्यायाम अलग- अलग प्रकार के हो सकते हैं । बूढ़े और अशक्त लोगों के लिए प्रात: सायं तेज चाल में टहलना अच्छा व्यायाम हो सकता है । बच्चे और युवा दौड़ लगा सकते हैं या दंड-बैठक कर सकते हैं । साइकिल चलाना, तैरना, मुगदर उठाना, गोला फेंकना, जैवलिन थ्रो ( भाला फेंकना) आदि व्यायाम के ही विभिन्न रूप हैं । विभिन्न आयुवर्ग के लोग अपनी सुविधा और पसंद को देखते हुए व्यायाम के उचित रूप का चुनाव कर सकते हैं । शहरों में व्यायाम करने वालों की सुविधा के लिए व्यायामशालाओं की स्थापना की गई है । यहाँ व्यायाम करने के लिए अनेक प्रकार के उपकरण होते हैं । युवा यहाँ बड़ी संख्या में आते हैं।

नगरों में व्यायामशालाएँ और पार्क होते हैं तो गाँवों में प्राकृतिक उद्‌यान और शांत व खुले स्थान । गाँवों में व्यायाम किसी भी खुले स्थान में किया जाता है । वहाँ की हवा अपेक्षाकृत अधिक शुद्ध होती है । व्यायाम चाहे कहीं भी किया जाए, इसमें नियमितता का बहुत महत्त्व है । अनियमित ढंग से किया गया व्यायाम लाभप्रद नहीं हो सकता ।

बड़ी आयु में हल्के-फुल्के व्यायाम बहुत लाभप्रद होते हैं । टहलना और हल्केफुल्के ढंग से अंग संचालन से ही शरीर का पूरा व्यायाम हो जाता है । बुजुर्ग यदि व्यायाम करें तो उनमें हृदयाघात, मधुमेह, लकवा, अत्यधिक थकान जैसी बीमारियाँ नहीं होतीं या बीमारियों की संख्या कम हो जाती है ।

आजकल व्यायाम हर किसी के लिए जरूरी है । विद्‌यार्थी इसके द्वारा अपनी शारीरिक एवं मानसिक क्षमता बढ़ा सकते हैं । खिलाड़ियों की दक्षता और फिटनेस का पूरा आधार व्यायाम ही है । युवा व्यायाम के द्वारा अपनी कार्यक्षमता में बढ़ोतरी कर सकते हैं । वे इसके द्वारा बुढ़ापे के शीघ्र आक्रमण को रोक सकते हैं । व्यायाम का महत्त्व प्रत्येक व्यक्ति के लिए है । आधुनिक समय की परेशानियों से बचने का इससे कारगर अन्य छ उपाय नहीं ।

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