Hindi, asked by smaali52, 6 months ago

हिंदी निबंध
"Takniki vikas ne manush kosuwidhaon ka das bana diya hai"
Iss Nathan ke paksh ya vipaksh maivichar vyakt kareyn

Answers

Answered by shrushti5134
1

Explanation:

1 Answer +1 vote answered Jul 8 by AlokKumar (48.6k points) selected Jul 8 by BhusanKumar आज का युग विज्ञान व प्रौद्योगिकी का युग है। नये-नये आविष्कारों ने हमें इतनी सुविधाएँ प्रदान कर दी हैं कि हम उनके दास बन गए हैं। एक क्षण भी इन सुविधाओं के अभाव में रहना कठिनसा प्रतीत होता है। कंप्यूटर और मोबाइल की सुविधा ने हमें एक तरह से अपंग बना डाला है। हम कोई भी कार्य इन दो उपकरणों से जुड़ी सुविधाओं के अभाव में करने के लिए स्वयं को अक्षमसा अनुभव करते हैं। कंप्यूटर को यांत्रिक मस्तिष्क भी कहा जाता है। यह अत्यंत तीव्र गति से न्यूनतम समय में अधिकसे-अधिक गणनाएँ कर सकता है तथा वह भी बिल्कुल त्रुटि रहित। आज तो कंप्यूटर को लेपटॉप के रूप में एक छोटे से ब्रीफकेस में बंद कर दिया गया है जिसे जहाँ चाहे वहाँ आसानी से ले जाया जा सकता है। कंप्यूटर आज के युग की अनिवार्यता बन गया है तथा इसका प्रयोग अनेक क्षेत्रों में किया जा रहा है। बैंकों, रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों आदि अनेक क्षेत्रों में कंप्यूटरों द्वारा कार्य संपन्न किया जा रहा है। आज के युद्ध तथा हवाई हमले कंप्यूटर के सहारे जीते जाते हैं। मुद्रण के क्षेत्र में भी कंप्यूटर ने क्रांति उत्पन्न कर दी है। पुस्तकों की छपाई का काम कंप्यूटर के प्रयोग से अत्यंत तीव्रगामी तथा सुविधाजनक हो गया है। विज्ञापनों को बनाने में भी कंप्यूटर सहायक हुआ है। आजकल यह शिक्षा का माध्यम भी बन गया है। अनेक विषयों की पढ़ाई में कंप्यूटर की सहायता ली जा सकती है। कंप्यूटर यद्यपि मानव-मस्तिष्क की तरह कार्य करता है परंतु यह मानव की तरह सोच-विचार नहीं कर सकता केवल दिए गए आदेशों का पालन कर सकता है। निर्देश देने में ज़रा-सी चूक हो जाए तो कंप्यूटर पर जो जानकारी प्राप्त होगी वह सही नहीं होगी। कंप्यूटर का दुरुपयोग संभव है। इंटरनेट पर अनेक प्रकार की अवांछित सामग्री उपलब्ध होने के कारण वह अपराध प्रवृत्ति चारित्रिक पतन एवं अश्लीलता बढ़ाने में उत्तरदायी हो सकती है। कंप्यूटर के लगातार प्रयोग से आँखों की ज्योति पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसका अधिक प्रयोग समय की बरबादी का कारण भी है। एक कंप्यूटर कई आदमियों की नौकरी ले सकता है। भारत जैसे विकासशील एवं गरीब देश में जहाँ बेरोज़गारों की संख्या बहुत अधिक है, वहाँ कंप्यूटर इसे और बढ़ा सकता है। फिर भी हम इस सुविधा के दास बनते जा रहे हैं। कंप्यूटर की भाँति मोबाइल फ़ोन भी आज जीवन की अनिवार्यता बन गया है। आज से कुछ वर्ष पूर्व इस बात की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि हम किसी से बात करने के लिए किसी का संदेश सुनाने के लिए किसी छोटे से यंत्र को अपने हाथ में लेकर घूमेंगे। इस छोटे से यंत्र का नाम है, मोबाइल फ़ोन। मोबाइल फ़ोन से जहाँ चाहें, जिससे चाहें, देश या विदेश में कुछ ही क्षणों में अपना संदेश दूसरों तक पहुँचाया जा सकता है और उनकी बात सुनी जा सकती है। यही नहीं इस उपकरण से (एस. एम. एस.) संदेश भेजे और प्राप्त किए जा सकते हैं। समाचार, चुटकुले, संगीत तथा तरह-तरह के खेलों का आनंद लिया जा सकता है। किसी भी तरह की विपत्ति में मोबाइल फ़ोन रक्षक बनकर हमारी सहायता करता है। आजकल बैंकिंग, बिल भुगतान, आरक्षण, आवेदन, मौसम संबंधी ज्ञान व पूर्वानुमान आदि के प्रसंग में भी मोबाइल उपयोगी है। सोशल मीडिया के बिना आज का जीवन बोझिल सा लगता है। कुल मिलाकर इन सुविधाओं ने हमें अपना दास बना डाला है।

Answered by divyamkumar75
0

he was so much for your support of the year old girl I am so much for being so much for being there and

Similar questions