हिंदी पत्र लेखन औपचारिक पत्र
if anyone knows the answer so add the answer
Answers
औपचारिक पत्र उन लोगों को लिखा जाता हैं जिनसे हमारा कोई निजी वास्ता नहीं होता । इस प्रकार के पत्रों का प्रयोग कार्यालयों व सरकारी काम - काजों में होता हैं ।
शिकायत पत्र और निवेदन औपचारिक पत्र का उदाहरण हैं ।
1.बस में छुटे सामान के बारे में परिवहन अधिकारी को सूचना पत्र
सेवा में ,
प्रबंधक महोदय,
हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम,
शिमला 171001.
विषय: बस में छुटे सामान के बारे में
महोदय,
मेरा नाम मीना शर्मा है| मैं 2-03-2019 को शिमला से सोलन जाने वाली बस से सोलन गई थी| बस का नंबर H.P 37 F 16290. यह शिमला से 11 बज़े चलती है और 1 बज़े सोलन पहुंचती है |
उस दिन जल्दी में मेरा बैग रह गया उसमें मेरे जरूरी कागज़ थे जो उस बैग में है | यह जरूरी कागज़ मुझें आगे बहुत काम आने है इनका मिलना बहुत जरूरी है | आपसे निवेदन है की आप मेरे सामान का पता लगायें| यह मेरा नंबर 232323232 है | सामान मिलने पे मुझे इस नंबर पे बताये आपकी महान कृपा होगी|
सधन्यबाद .
भवदीय,
मीना शर्मा
सी.पी.आर.आई
शिमला.
Read more on Brainly.in - https://brainly.in/question/3894275#readmore
Explanation:
औपचारिक पत्र किसे कहते हैं? ( formal letter)
यह पत्र उन्हें लिखा जाता है जिनसे हमारा कोई निजी संबंध ना हो। औपचारिक पत्रों में केवल काम से सम्बंधित बातों पर ध्यान दिया जाता है। व्यवसाय से संबंधी, प्रधानाचार्य को लिखे प्रार्थना पत्र, आवेदन पत्र, सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र, संपादक के नाम पत्र आदि औपचारिक-पत्र कहलाते हैं। औपचारिक पत्र लेखन में मुख्य रूप से संदेश, सूचना एवं तथ्यों को ही अधिक महत्व दिया जाता है। इसमें संक्षिप्तता अर्थात कम शब्दों ने केवल काम की बात करना, स्पष्टता अर्थात पत्र प्राप्त करने वालों को बात आसानी से समझ आये ऐसी भाषा का प्रयोग तथा स्वतः पूर्णता अर्थात पूरी बात एक ही पत्र में कहने की अपेक्षा (उम्मीद) की जाती है।
Types of formal letter - औपचारिक-पत्र के प्रकार
औपचारिक-पत्रों को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-
(1) प्रार्थना-पत्र - जिन पत्रों में निवेदन अथवा प्रार्थना की जाती है, वे 'प्रार्थना-पत्र' कहलाते हैं। प्रार्थना पत्र में अवकाश, शिकायत, सुधार, आवेदन आदि के लिए लिखे गए पत्र आते हैं। ये पत्र स्कुल के प्रधानाचार्य से लेकर किसी सरकारी विभाग के अधिकारी को भी लिखे जा सकते हैं।
(2) कार्यालयी-पत्र - जो पत्र कार्यालयी काम-काज के लिए लिखे जाते हैं, वे 'कार्यालयी-पत्र' कहलाते हैं। ये सरकारी अफसरों या अधिकारियों, स्कूल और कॉलेज के प्रधानाध्यापकों और प्राचार्यों को लिखे जाते हैं। इन पत्रों में डाक अधीक्षक, समाचार पत्र के सम्पादक, परिवहन विभाग, थाना प्रभारी, स्कूल प्रधानाचार्य आदि को लिखे गए पत्र आते हैं।
(3) व्यवसायिक-पत्र - व्यवसाय में सामान खरीदने व बेचने अथवा रुपयों के लेन-देन के लिए जो पत्र लिखे जाते हैं, उन्हें 'व्यवसायिक-पत्र' कहते हैं। इन पत्रों में दुकानदार, प्रकाशक, व्यापारी, कंपनी आदि को लिखे गए पत्र आते हैं।
औपचारिक-पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें -
(i) औपचारिक-पत्र नियमों में बंधे हुए होते हैं।
(ii) इस प्रकार के पत्रों में भाषा का प्रयोग ध्यानपूर्वक किया जाता है। इसमें अनावश्यक बातों (कुशल-मंगल समाचार आदि) का उल्लेख नहीं किया जाता।
(iii) पत्र का आरंभ व अंत प्रभावशाली होना चाहिए।
(iv) पत्र की भाषा-सरल, लेख-स्पष्ट व सुंदर होना चाहिए।
(v) यदि आप कक्षा अथवा परीक्षा भवन से पत्र लिख रहे हैं, तो कक्षा अथवा परीक्षा भवन (अपने पता के स्थान पर) तथा क० ख० ग० (अपने नाम के स्थान पर) लिखना चाहिए।