हिंदुस्तान पर एक कविता
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sorry but I not have poem but but I'm real indian
Explanation:
हाँ मैं हिन्दुस्तान हुँ हाँ मैं हिन्दुस्तान हुँ।
करोड़ों दिल कि धड़कन,
आौर देशवासियों कि जान हुँ।
हिन्दू मुसलिम सीख ईसाई,
सारे धर्मों कि पहचान हुँ।
हाँ मैं हिन्दुस्तान हुँ हाँ मैं हिन्दुस्तान हुँ।
हौसलों से बुलंद मैं,
इरादों से चट्टान हुँ।
परिचय का मोहताज नहीं,
खुद में एक जहान हुँ।
हाँ मैं हिन्दुस्तान हुँ हाँ मैं हिन्दुस्तान हुँ।
जन गण मन का राष्ट्र गान हुँ
योद्धा महान हुँ
श्रीकृष्ण का सुदर्शन मैं
श्रीराम का भी बाण हुँ,
लक्ष्मीबाई आौर टीपूँ सुलतान जैसे
वीरों का म्यान हुँ।
हाँ मैं हिन्दुस्तान हुँ हाँ मैं हिन्दुस्तान हुँ।
इतिहास का धरोहर मुझमें
वीरगाथाओं का बखान हुँ।
लोकतंत्र कि शक्ति मुझे में
विश्व कि पहचान हुँ।
अतिथि को देवतुल्य समझता
एेसा देश महान हुँ।
हाँ मैं हिन्दुस्तान हुँ हाँ मैं हिन्दुस्तान हुँ।
सुरक्षा के लिए देश का सिपाही जवान हुँ
उन्नति के लिए देश का मेहनती किसान हुँ।
तिरंगे कि मान मैं
अपने सैनिकों को अभिमान हुँ
हाँ मैं हिन्दुस्तान हुँ हाँ मैं हिन्दुस्तान हुँ।