हिंदी उपसर्प व प्रत्येय वरदान व विराम
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उप+सर्ग दो शब्दों के मेल से बना है। ‘उप’ का अर्थ होता है समीप, निकट या पास तथा ‘सर्ग’ का अर्थ होता है, बनाना या सृष्टि करना।
उपसर्ग उस अव्यय या शब्दांश को कहते हैं, जो किसी शब्द के आरम्भ में जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर विशेषता ला देता है। जैसे- ‘भाव’ एक शब्द है। इसके आगे ‘अ’ उपसर्ग लगा दिया जाए तो एक नया शब्द बन जाएगा ‘अभाव’ जिसका अर्थ होगा ‘कमी’। उसी तरह ‘हार’ शब्द में ‘प्र’ उपसर्ग लगा दिया जाए तो नया शब्द ‘प्रहार’ बन जाएगा। हिन्दी भाषा के उपसर्ग मुख्यतः तीन भागों में विभक्त हैं।
1 संस्कृत के उपसर्ग
2 हिन्दी के उपसर्ग
3 आगत या अंग्रेजी के उपसर्ग
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