Hindi, asked by akyadav8410, 9 months ago

हाउ तो वही राजस्थानी बसे ब्रज गोकुल गांव के ग्वार हैं जो पशु हो तो कहा बस मोनू चंद्र नदी तंत्र की धुन सुनना महान है तो वहीं गिरी 4 किलो हरी छत्र पर परंतु

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Answered by dhruvsingla222
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Answer:

रसखान कवी का अपने प्रभु श्री कृष्ण की ओर इतना लगाव है कि वह हर

स्थिति में उनके साथ ही  रहना चाहते हैं | इसलिए वह कहते हैं की अगले

जन्मों में मुझे अगर मनुष्य योनि मिले तो मैं गोकुल गावं के गवालों के

बीच रहने का मौका मिले | अगर पशु योनि मिले तो मुझे ब्रज में ही रखना

प्रभु ताकि मैं नन्द जी गायों के साथ विचरण  कर सकूँ |  अगर पत्थर भी

बनूँ तो उस पर्वत का बनूँ जिसे प्रभु ने अपनी ऊँगली पर उठा कर ब्रज को इंद्र

के प्रकोप से बचाया था | पक्षी बना तो यमुना किनारे कदम्ब कि डालों से

अच्छी जगह तो हो ही नहीं सकती बसेरा  करने के लिए

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