हेवर्सियन तंत्र क्या है?
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हैवर्सियन तन्त्र (Haversion system)-स्तनधारी जन्तुओं में अस्थियों की संरचना अत्यधिक जटिल, दृढ़ व सघन होती है। अतः इनके मैट्रिक्स में, रक्त की आपूर्ति हेतु अनेक नलिकाएं निर्मित हो जाती हैं, जिन्हें हैवर्सियन नलिकायें कहा जाता है। ये हैवर्सियन नलिकायें। परस्पर अनेक आड़ी-तिरछी नलिकाओं द्वारा सम्बन्धित रहती हैं जिन्हें वोल्कमैन्स नलिकायें (Volkman’s Canals) कहते हैं। प्रत्येक हैवर्सियन नलिका 8-15 समकेन्द्रीय (परस्पर समानान्तर) लैमेली द्वारा घिरी रहती है । इस लैमेली में आस्टियोसाइट्स (Osteocytes) भी उपस्थित होती है। इस प्रकार निर्मित जटिल संरचना हैवर्सियन-तंत्र (Haversion System) कहलाती है।
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हैवर्सियन तन्त्र (Haversion system)-स्तनधारी जन्तुओं में अस्थियों की संरचना अत्यधिक जटिल, दृढ़ व सघन होती है। अतः इनके मैट्रिक्स में, रक्त की आपूर्ति हेतु अनेक नलिकाएं निर्मित हो जाती हैं, जिन्हें हैवर्सियन नलिकायें कहा जाता है। ये हैवर्सियन नलिकायें। परस्पर अनेक आड़ी-तिरछी नलिकाओं द्वारा सम्बन्धित रहती हैं जिन्हें वोल्कमैन्स नलिकायें (Volkman’s Canals) कहते हैं। प्रत्येक हैवर्सियन नलिका 8-15 समकेन्द्रीय (परस्पर समानान्तर) लैमेली द्वारा घिरी रहती है । इस लैमेली में आस्टियोसाइट्स (Osteocytes) भी उपस्थित होती है। इस प्रकार निर्मित जटिल संरचना हैवर्सियन-तंत्र (Haversion System) कहलाती है।
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