Computer Science, asked by monika02112000, 2 months ago

हड्डी टूट के लक्षण और उपचार लिखिए।

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Answered by oklp12
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Answered by Anonymous
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हड्डी टूटना क्या होता है?

हड्डी टूटने को चिकित्सका भाषा में बोन फ्रैक्चर या हड्डी में फ्रैक्चर कहा जाता है, यह एक मेडिकल स्थिति होती है। यह तब होती है, जब शरीर की किसी हड्डी या उसकी बनावट में दरार पड़ जाती है या वह टूट या कट जाती है।

ज्यादातर हड्डी के फ्रैक्चर, हड्डियों पर अत्यधिक दबाव या तनाव पड़ने पर होता है।

हड्डी में फ्रैक्चर के लक्षण व संकेत क्या हो सकते हैं?

हड्डी में फ्रैक्चर के लक्षण व संकेत मरीज की उम्र, सामान्य स्वास्थ्य, चोट की गंभीरता व किस हड्डी में चोट लगी है आदि, इनके अनुसार दिखाई देते हैं।

अगर आपकी हड्डी में फ्रैक्चर है, तो आपको हड्डी या उसके आस-पास की जगह में काफी दर्द महसूस हो सकता है और साथ ही सूजन भी आ सकती है। जब हड्डी टूटती है, तो उस समय पॉपिंग या क्रेकिंग की ध्वनी सुनाई दे सकती है। अगर हाथों या पैरों की किसी हड्डी में फ्रैक्चर हुआ है, तो वह अंग किसी एक तरफ असामान्य रूप से मुड़ा हुआ या उसमें विकृत रूप दिखाई दे सकता है। फ्रैक्चर वाली हड्डी की ऊपरी त्वचा नीली हो सकती है या खून भी निकल सकता है। अगर कंपाउड फ्रैक्चर है, तो हड्डी का कोई टुकड़ा त्वचा से बाहर निकला हुआ दिखाई दे सकता है और वहां पर एक बड़ा घाव बन सकता है। टूटी हुई हड्डी को हिलाना काफी मुश्किल हो सकता है, फ्रैक्चर अगर पैर की हड्डी में है, तो चलने में काफी परेशानी हो सकती है?

जब तक किसी डॉक्टर के द्वारा परिस्थिति का आकलन ना किया जाए, तब तक जितना संभव हो सके, टूटी हुई हड्डी को हिलाने की कोशिश ना करें, जरूरत पड़ने पर ही पट्टी (Splint) का इस्तेमाल करें। अगर मरीज किसी खतरनाक स्थान पर है, जैसे कि किसी व्यस्त सड़क के बीच में होना तो ऐसे में कभी-कभी आपातकालीन सहायता आने से पहले कुछ करना पड़ सकता है।

हड्डी में फ्रैक्चर के लिए प्राथमिक चिकित्सा उपचार क्या है?

नीचे दी गई तकनीकें कुछ समय तक हड्डियों को स्थिर रखनें में मदद कर सकती हैं, जब तक कि आप अस्पताल नहीं पहुंच जाते।

प्रभावित जगह पर बर्फ लगाने से घाव वा सूजन को कम किया जा सकता है।

घाव को धीरे-धीरे साबुन व पानी के साथ धोनें से घाव के अंदर बैक्टीरिया घुसने से रोकथाम करने में मदद मिलती है।

घाव को किसी पट्टी या साफ कपड़े से ढ़क कर रखें।

(और पढ़ें - घाव ठीक करने के घरेलू उपाय)

अगर हाथों या पैरों की हड्डी टूटी हुई है, तो एक स्लिंग (Sling) या स्पलिंट (Splint) की मदद से टूटी हुई हड्डी को हिलने से रोका जा सकता है और स्थिर बना कर के रखा जा सकता है। अखबार या किसी मैग्ज़ीन को गोल करके घरेलू स्पलिंट बनाया जा सकता है।

अगर संभावित रूप से लगता है कि ऊपरी पैर, रीढ़, श्रोणि या कूल्हे की हड्डी में फ्रैक्चर है, तो मेडिकल सहायता आने तक वहीं रहना चाहिए और हड्डियों को हिलाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। इसे हिलाने का प्रयास करने से घायल क्षेत्र को और अधिक नुकसान हो सकता है।

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हड्डी में फ्रैक्चर का इलाज कैसे किया जाता है?

टूटी हुई हड्डियां पुनः वापस जुड़ना एक प्राकृतिक प्रक्रिया होती है, जो ज्यादातर मामलों में अपने आप होती है। फ्रैक्चर के उपचार का उद्देश्य आम तौर पर यह सुनिश्चित करना होता है कि उपचार के बाद शरीर का घायल हिस्सा जितना हो सके उतना अच्छा संभव कार्य कर सके।

प्राकृतिक उपचार प्रक्रिया शुरू करने के लिए, टूटी हुई हड्डियों के सिरे आपस में मिलने जरूरी होते हैं, इसे फ्रैक्चर को कम करने के रूप में जाना जाता है। जब फ्रैक्चर को कम किया जाता है, उस दौरान डॉक्टर मरीज को सामान्य बेहोशी की अवस्था में रखते हैं।

स्थिरीकरण (Immobilization) –

जोड़ने के लिए हड्डियों के सिरों को मिलाया जाता है और ठीक तरीके से जुड़ने तक उनको उसी दशा में रखा जाता है। जिसे निम्न की मदद से किया जाता है-

प्लास्टर कास्ट या प्लास्टर के फंक्शनल ब्रेसिज़ – ये हड्डी को उसी दशा में बनाए रखते हैं, जब तक वह जुड़ नहीं जाती।

धातु की प्लेट व पेच - वर्तमान प्रक्रियाएं कम से कम आक्रामक तकनीकों का उपयोग कर सकती हैं

इंट्रा-मेड्यूलरी कील – आंतरिक धातु की छड़ी को लंबी हड्डियों के बीच में डाला जाता है और बच्चों में लचीले तारों का इस्तेमाल किया जाता है।

आम तौर पर फ्रैक्चर हुई हड्डी व उसके आस-पास के क्षेत्र का 2 से 8 हफ्तों को लिए स्थिरीकरण कर दिया जाता है। स्थिरीकरण की अवधि इसपर निर्भर करती है कि कौन सी हड्डी में फ्रैक्चर हुआ है या फिर कुछ जटिलताओं पर जैसे खून की आपूर्ति में समस्या या संक्रमण।

ठीक होना – अगर हड्डी के टूटे हुए सिरों को ठीक प्रकार से जोड़ दिया गया है और उनको स्थिर कर दिया गया है तो ठीक होने की प्रतिक्रिया का काम आसान हो जाता है।

शारीरिक थेरेपी – हड्डी जुड़ने के बाद मांसपेशियों की मजबूती और प्रभावित जगह की गतिशीलता को फिर से लौटाने की जरूरत पड़ सकती है। अगर फ्रैक्चर किसी जोड़ में या उसके आस-पास हुआ है, तो इसमें स्थायी रूप से जकड़न या गठिया का जोखिम हो सकता है। ऐसे में लोग अपने जोड़ों को पहले की तरह नहीं मोड़ सकते। (और पढ़ें - मांसपेशियों में दर्द का इलाज)

सर्जरी – अगर प्रभावित हड्डी या जोड़ के आसपास कि मांसपेशियों या नरम ऊतकों को नुकसान पहुंचा है तो प्लास्टिक सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।

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