Hindi, asked by sharvandas1432, 1 year ago

hadappa vasiyon ke Dharm aur Dharmik vyavhar ke Swaroop ki Charcha kijiye​

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Answered by roopamadargaon0
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Answer:

hadappa where comes first tell me

Answered by jayathakur3939
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हड़प्पा निवासियों के धार्मिक प्रथाओं के विषय में हमारी जानकारी नगण्य है | मंडियों और पुरोहितों के होने का भी कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है | लिपि के अभाव में पूजा-पाठ की पद्धति का ठीक से पता नहीं लगता, परन्तु कुछ मुहरों को देखने से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि संभवतः देवता को प्रसन्न करने के लिए नर बलि या पशु बलि दी जाती थी |

हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ो की खुदाइयों में लिंग एवं योनियों की प्रतिमाएँ काफी बड़ी संख्या में प्राप्त हुई हैं | ये पत्थर, चीनी मिट्टी अथवा सीप के बने हुए हैं |

हड़प्पा के लोग प्रकृति और मातृशक्ति के उपासक थे | इसका आभास पशुपति, मातृदेवी, वृषभ, नाग, प्रजनन शक्तियाँ, जल, वृक्ष, पशु-पक्षी, स्वास्तिक आदि की उपासना के प्रचलन से होता है | कालीबंगा और लोथल से पशुबलि और यज्ञवाद का संकेत मिलता है | जिससे समाज में पुरोहित वर्ग की विशेष भूमिका प्रमाणित होती है |

हड़प्पा सभ्यता का जो समाज था वह कर्मकांड और अनुष्ठान में विश्वास करता था | हड़प्पा सभ्यता के लोग अनेक काल्पनिक मिश्रित पशु और मानवों की उपासना करते थे | पशुपति मुहर संन्यासवाद या समाधि या योग के महत्त्व को इंगित करता है | अनेक मुहरों एवं मृदभांडों पर देवी-देवताओं का चित्रण किया गया था | इन तथ्य से भक्तिभावना या भक्तिवाद का स्पष्ट साक्ष्य मिलता है |

अन्य प्राचीन लोगों की ही तरह सिन्धुवासी भी बाह्य एवं बुरी शक्तियों के अस्तितिव में विश्वास रखते थे तथा उनसे अपनी रक्षा के लिए ताबीजों का उपयोग करते थे | धार्मिक अवसरों पर गान-बजान, नृत्य आदि का भी प्रचालन था | संभवतः सिन्धु निवासी भी मृत्योपरान्त जीवन में विश्वास रखते थे | परन्तु यह धारणा उतनी प्रबल नहीं थी जितनी हम मिस्र में पाते हैं |

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