Hindi, asked by muskanpandey36, 1 year ago

hajaron deep jal uthe muhavara in hindi​

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Answered by BrainlyHeroSumit
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दीए जल उठे लेखक द्वारा उस समय की बात की गई है, जब गांधीजी ने दांड़ी यात्रा का आगाज़ किया था। उनके कहने मात्र से ही पूरा भारत एक हो उठा। सबने गांधीजी का साथ दिया। यह आवाज़ एक व्यक्ति के मुँह से तो निकली अवश्य थी। परन्तु धीरे-धीरे वह एक जन विशाल जन समूह में बदल गई। एक दीए की लौ अंधेरे पर कुछ प्रकाश करती है, परन्तु जब वह लौ अन्य दीयों को प्रकाशित करती है, तो अंधेरा ही मुँह छुपा कर भाग जाता है। वहीं दूसरी ओर लोगों ने दीए जलाकर दांड़ी यात्रा को रात में भी रूकने नहीं दिया। सबने साथ दिया और हज़ारों दिए गांधीजी का प्रथ प्रदर्शक बन गए। इन दोनों बातों के आधार पर हम कह सकते हैं कि यह शीर्षक पाठ को सार्थकता प्रदान करता है

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