Hindi, asked by ya8537277, 8 months ago

hajrat nejamuddin kon si saal me Delhi ayaa

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Answered by Anonymous
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HEYA MATE HERE U GO...

दिल्ली के निज़ामुद्दीन में एक धार्मिक जलसे के आयोजन के बाद कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखे हैं. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने इस इलाके की घेराबंदी कर दी. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ पुलिस का कहना है कि लोग बड़ी तादाद में बिना किसी अनुमति के यहाँ पर इकट्ठा हुए थे.

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "जब हमें पता चला कि इस तरह का आयोजन हुआ है तो फिर हमने इस मामले में लॉकडाउन का उल्लंघन करने के लिए नोटिस जारी किया. कई लोगों को उनमें कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद अस्पताल ले जाया गया है और उनका टेस्ट किया जा रहा है."

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ निज़ामुद्दीन में तबलीग़-ए-जमात के जमावड़े में बड़ी तादाद में लोगों ने शिरकत की थी. इसमें भारत के दूसरे हिस्सों से आए हुए करीब छह सौ लोग थे और इसके साथ ही इंडोनेशिया और मलेशिया से आए लोग भी शामिल थे. 1 मार्च से 15 मार्च तक ये लोग यहां इकट्ठा हुए थे.

इसके बगल में स्थित दक्षिणी दिल्ली में कुछ लोग हो सकता है कि कोरोना के संक्रमण में आए हों. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने यह सूचना दी है.

रविवार देर रात ये सूचना मिलने के बाद कि कई लोगों में यहां कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारी मेडिकल टीम लेकर यहां पहुँचे.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार दिल्ली में हुए इस कार्यक्रम में तेलंगाना से कुछ लोग शामिल हुए थे.

तेलंगाना सरकार ने कहा है कि कार्यक्रम में शामिल 6 लोगों की मौत कोरोना वायरस के कारण हो गई है.

पूरे इलाके को सील कर दिया गया है...

कम से कम सौ लोगों का इनमें से टेस्ट हो चुका है. इनकी रिपोर्ट मंगलवार तक आने की संभावना है. इस पूरे इलाके को सील कर दिया गया है. इसमें तबलीग़-ए-जमात का मुख्य केंद्र भी है. इस केंद्र के सटे हुए निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन हैं और बगल में ही ख्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह है.

अधिकारियों का कहना है कि वे लोगों की पहचान करके उन्हें अस्पताल में क्वारंटाइन के लिए भेज रहे हैं. इस जमावड़े में शामिल एक 60 साल के बुजुर्ग की श्रीनगर में मौत होने के बाद इस तरफ प्रशासन का ध्यान गया.

इस महीने के शुरुआत में ही दिल्ली सरकार ने किसी भी तरह के धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक आयोजनों पर 31 मार्च तक के लिए पाबंदी लगा दी थी. इसके अलावा विरोध-प्रदर्शनों में 50 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर भी रोक लगा दी थी.

प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए 25 मार्च से 21 दिनों की लॉकडाउन की घोषणा कर रखी है. लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर पुलिस ड्रोन से नज़र रख रही है.

संघ से जुड़े संगठन को चंदा देने वाली महिला

जम्मू और कश्मीर की एक महिला ने हज पर जाने के लिए जमा की गई अपनी रकम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन सेवा भारती को दान में दे दिया है.

श्रीनगर में मौजूद बीबीसी संवाददाता रियाज़ मसरूर के मुताबिक़, 87 साल की खालिदा बेग़म कोराना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के दौरान इस संगठन के काम से काफी प्रभावित हुई हैं. उन्होंने हज पर जाने के लिए पांच लाख रुपये जमा किए थे. लेकिन लॉकडाउन की वजह से वो हज पर नहीं जा पा रही है.

आरएसएस के मीडिया विंग इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र के मुखिया अरुण आनंद ने बताया, "खालिदा बेगम जम्मू-कश्मीर में सेवा भारती की ओर से लॉकडाउन के दौरान किए जा रहे जन-कल्याण के कामों से काफी प्रभावित हैं और उन्होंने पांच लाख रुपये संगठन को देने का फैसला लिया है. खालिदा चाहती हैं कि उनकी दान दी गई रकम सेवा भारती के माध्यम से जम्मू और कश्मीर के गरीबों और जरूरमंदों की मदद में इस्तेमाल की जाए."

"उन्होंने यह रकम हज पर जाने के लिए जमा कर रखी थी. लेकिन हालात ऐसे हो गए हैं जिसमें यह संभव नहीं हो सका. खालिदा बेगम जम्मू और कश्मीर की कुछ उन शुरुआती महिलाओं में से हैं जिन्होंने कॉन्वेंट स्कूल में तालिम हासिल की हुई है. वो कर्नल पीर मोहम्मद खान की बहू हैं जो जनसंघ के अध्यक्ष थे."

जनसंघ आरएसएस का सहयोगी संगठन था जो बाद में भारतीय जनता पार्टी बना.

अरुण आनंद बताते हैं कि अपनी बढ़ती उम्र के बावजूद वो महिलाओं और जरूरतमंदों की मदद करने में काफी सक्रिय हैं. उनके बेटे फारूक़ खान एक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी हैं और अभी जम्मू और कश्मीर में मौजूद लेफ्टिनेंट गर्वनर की सरकार के सलाहकार हैं.

लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही सेवा भारती के कार्यकर्ता पूरे देश में लोगों को खाना और दूसरी आवश्यक चीजें पहुँचाने में लगे हुए हैं. संघ से जुड़े कार्यकर्ता शनिवार को आनंद विहार ट्रमिनल पर भीड़ को नियंत्रित करते और उन्हें खाना देते दिखे थे.

कोरोना वायरस से गुजरात में मरने वालों की संख्या छह हो गई है. वहीं गुजरात में कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 69 तक बहुत चुकी हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ स्वास्थ्य मंत्रालय के मुख्य सचिव जयंती रवि ने बताया कि सोमवार को छह नए मामले सामने आए हैं.

रविवार देर रात भावनगर में कोरोना वायरस से संक्रमित 45 साल की बुजुर्ग महिला की मौत हो गई. जयंती रवि ने बताया कि महिला को दिमागी बीमारी थी और दो हफ्ते पहले उन्हें स्ट्रोक आया था. गुजरात के अहमदाबाद में अब तक तीन, भावनगर में दो और सूरत में एक मौत हुई है.

कोरोना पॉजिटीव के जो नए छह मामले सामने आए हैं, उनमें पांच सिर्फ भावनगर से हैं. इन छह मामलों में से पांच लोकल ट्रांसमिशन के हैं जबकि अहमदाबाद में एक मामला अमरीका से लौटे 38 साल के एक मरीज का है.

अहमदाबाद में अब तक 23 मामले कोरोना संक्रमण के सामने आ चुके हैं वहीं राजकोट, वडोदरा, गांधीनगर में नौ, सूरत में आठ, भावनगर में छह, गिर सोमनाथ में दो, कच्छ मेहसाणा और पोरबंदर में एक-एक मामले सामने आए हैं.

HOPE IT HELPS

KEEP ASKING'*"*"

:)

Answered by Shehzad0786
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Answer:

s bro hajrat nejamuddin On 3rd April 1325

Explanation:

pls mark me as brainliest

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