Hindi, asked by someshdas37, 4 hours ago

ािहकार के लिए
यामनाथ कविता सदा मत करनी है
जब भी आम
हुआ पराजित, कविता सदा जग लहती है।
जब भी कर्ता हुआ अकर्ता
कविता जीना मिखलाया
यात्राएँ जब मौन हो गई
कविता ने चलना सिखलाया।
जब भी तमका
जुल्म चढ़ा है, कविता नया सूर्य गढ़ती है.
जब गीतों की फसल लुटती
शीलहरण होता कलियों का,
शब्दहीन जब हुई चेतना
तब-तब चैन लुटा गलियों का
जब कुसों का
कंस गरजता, कविता स्वयं कृष्ण बनती है।
अपने भी हो गए पाए
यूँ झूठे अनुबंध हो गए
घर में ही वनवास हो रहा
यूँ गंगे संबंध हो गए।
(क) कविता को सृजनात्मक क्यों कहा गया है ?
(ब) कविता सदा जंग लड़ती है' का भाव स्पष्ट करें।

() बजन' का पर्यायवाची शब्द लिखिए।
जब निराशा और अधकार पांव पसारता है तब प्रेरणा कहाँ से मिलती है?
काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए।​

Answers

Answered by yuvrajcheyxsimgh
0

Answer:

Search...

someshdas37

someshdas37

4 days ago

Hindi

Primary School

ािहकार के लिए

यामनाथ कविता सदा मत करनी है

जब भी आम

हुआ पराजित, कविता सदा जग लहती है।

जब भी कर्ता हुआ अकर्ता

कविता जीना मिखलाया

यात्राएँ जब मौन हो गई

कविता ने चलना सिखलाया।

जब भी तमका

जुल्म चढ़ा है, कविता नया सूर्य गढ़ती है.

जब गीतों की फसल लुटती

शीलहरण होता कलियों का,

शब्दहीन जब हुई चेतना

तब-तब चैन लुटा गलियों का

जब कुसों का

कंस गरजता, कविता स्वयं कृष्ण बनती है।

अपने भी हो गए पाए

यूँ झूठे अनुबंध हो गए

घर में ही वनवास हो रहा

यूँ गंगे संबंध हो गए।

(क) कविता को सृजनात्मक क्यों कहा गया है ?

(ब) कविता सदा जंग लड़ती है' का भाव स्पष्ट करें।

() बजन' का पर्यायवाची शब्द लिखिए।

जब निराशा और अधकार पांव पसारता है तब प्रेरणा कहाँ से मिलती है?

काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए।

Similar questions