Haldar sahab captain chashme vale ki mrityu pr dukhi aur vichlit Kyon ho gye
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Answer: हालदार साहब इसलिए दुःखी न विचलित थे क्योंकि वे सोच रहे थे कि कस्बे के चौराहे पर सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा तो मिलेगी, परन्तु उनकी आंखों पर चश्मा नहीं मिलेगा। चश्मा लगाने वाला देशभक्त कैप्टन तो मर चुका था और वहां किसी में वैसी देशप्रेम की भावना नहीं है।
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हालदार साहब कैप्टन चश्मे वाले की मृत्यु पर दुखी और विचलित इसलिए हो गए क्योंकि कैप्टन के समान कोई देश प्रेमी नहीं था, जो नेता जी के चश्मे के बारे में सोचता। हालदार साहब स्वयं देशभक्ति थे और नेताजी जैसे देश भक्ति के लिए उसके मन में सम्मान की भावना थी। उसके मर जाने के बाद अब कौन इस जिम्मेदारी का निर्वाह करेगा।
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