Hindi, asked by bhartiramchandani56, 10 months ago

ham pakhsiyon ko dana ko pani dete h vo hame kis prakar apna ashirwad dete h​

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Answered by Anonymous
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जदगी में हमारे आसपास कई ऐसे लोग होते हैं, जिन्हें प्रकृति और प्राकृतिक रचनाओं से काफी प्यार होता है। ऐसे लोग पशु और पक्षियों (परिंदों) से भी अपने बच्चों की तरह प्यार करते हैं। गर्मी के दिनों में उनका खास ख्याल रखते हैं और अपने दिन की शुरुआत छत पर या बालकनी में पक्षियों को दाना-पानी देकर करते हैं। द्वारका निवासी पूनम इन्हीं लोगों में से एक हैं, जिन्होंने पक्षियों से एक रिश्ता बना लिया है। आलम यह है कि पूनम के दिन की शुरुआत पक्षियों के कलरव से होती है।

पूनम बताती हैं कि उनके घर के बिल्कुल सामने एक पक्षी ने अपना घोंसला बनाया था। घोंसला इतना मजबूत था कि तेज हवा और बारिश में भी अपनी जगह पर कायम रहा। लेकिन सर्दी के मौसम में कुछ लोगों ने केवल इसलिए पेड़ की शाखाओं की छंटाई कर दी ताकि उनकी बालकनी में धूप की रोशनी पहुंच सके। शाखाओं की छंटाई के दौरान वह घोंसला भी गिर गया और उसमें रहने वाले पक्षी बेघर हो गए। इस घटना ने उन्हें काफी दुखी किया और उसके बाद से ही उन्होंने पक्षियों को प्रतिदिन सुबह में दाना-पानी देना शुरू कर दिया।

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