Hindi, asked by komaljha4114, 5 hours ago

हम बालक है सभी ढंग के,
भेर्द नहीं पर जाति रंग के।
हम सारे जग को ही समझे,
प्रिय अपना घर-द्वार।
मधुर हम बच्चो का संसार।

क. बालक किस प्रकार के भेर्द भाव से वंनित है?
ख. कवि ने सारे जग को किसके समान समझने के लिए कहा है?
ग. 'हम बालक है सभी ढंग के'- इसका सामान्य अर्थ
लिखे।
घ. 'घर-द्वार'- में कोनसा सामास है।
ङ. उपर्युक्त काव्यांश में किसकी विशेषता बताई गई है। ​

Answers

Answered by harshvikshah
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Answer:

अपठित काव्यांश अपठित काव्यांश किसी कविता का वह अंश होता है, जो पाठ्यक्रम में शामिल पुस्तकों से नहीं लिया जाता है। इस अंश को छात्रों द्वारा पहले नहीं पढ़ा गया होता है।

अपठित काव्यांश का उद्देश्य काव्य पंक्तियों का भाव और अर्थ समझना, कठिन शब्दों के अर्थ समझना, प्रतीकार्थ समझना, काव्य सौंदर्य समझना, भाषा-शैली समझना तथा काव्यांश में निहित संदेश। शिक्षा की समझ आदि से संबंधित विद्यार्थियों की योग्यता की जाँच-परख करना है।

अपठित काव्यांश पर आधारित प्रश्नों को हल करने से पहले काव्यांश को दो-तीन बार पढ़ना चाहिए तथा उसका भावार्थ और मूलभाव समझ में आ जाए। इसके लिए काव्यांश के शब्दार्थ एवं भावार्थ पर चिंतन-मनन करना चाहिए। छात्रों को व्याकरण एवं भाषा पर अच्छी पकड़ होने से यह काम आसान हो जाता है। यद्यपि गद्यांश की तुलना में काव्यांश की भाषा छात्रों को कठिन लगती है। इसमें प्रतीकों का प्रयोग इसका अर्थ कठिन बना देता है, फिर भी निरंतर अभ्यास से इन कठिनाइयों पर विजय पाई जा सकती है।

अपठित काव्यांश संबंधी प्रश्नों को हल करते समय निम्नलिखित प्रमुख बातों पर अवश्य ध्यान देना चाहिए –

काव्यांश को दो-तीन बार ध्यानपूर्वक पढ़ना और उसके अर्थ एवं मूलभाव को समझना।

कठिन शब्दों या अंशों को रेखांकित करना।

प्रश्न पढ़ना और संभावित उत्तर पर चिह्नित करना।

प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रतीकार्थों पर विशेष ध्यान देना।

प्रश्नों के उत्तर काव्यांश से ही देना; काव्यांश से बाहर जाकर उत्तर देने का प्रयास न करना।

उत्तर अपनी भाषा में लिखना, काव्यांश की पंक्तियों को उत्तर के रूप में न उतारना।

यदि प्रश्न में किसी भाव विशेष का उल्लेख करने वाली पंक्तियाँ पूछी गई हैं, तो इसका उत्तर काव्यांश से समुचित भाव व्यक्त करने वाली पंक्तियाँ ही लिखना चाहिए।

शीर्षक काव्यांश की किसी पंक्ति विशेष पर आधारित न होकर पूरे काव्यांश के भाव पर आधारित होना चाहिए।

शीर्षक संक्षिप्त आकर्षक एवं अर्थवान होना चाहिए।

अति लघुत्तरीय और लघुउत्तरीय प्रश्नों के उत्तर में शब्द सीमा का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।

प्रश्नों का उत्तर लिखने के बाद एक बार दोहरा लेना चाहिए ताकि असावधानी से हुई गलतियों को सुधारा जा सके।

काव्यांश को हल करने में आनेवाली कठिनाई से बचने के लिए छात्र यह उदाहरण देखें और समझें –

प्रश्नः 1.

काव्यांश का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तरः

काव्यांश का मूलभाव है-बालहठ, बच्चों के व्यवहार एवं मनोभावों का कुशल चित्रण।

प्रश्नः 2.

दीना का लाल कौन-सा खिलौना पाने के लिए मचल रहा था?

उत्तरः

दीना का लाल वह खिलौना पाने के लिए मचल रहा था, जिससे राजकुमार खेल रहा था।

प्रश्नः 3.

माँ जो खिलौना उसे दे रही थी वह किससे बना था?

उत्तरः

माँ उसे जो खिलौना दे रही थी, वह मिट्टी का बना था।

प्रश्नः 4.

माँ दुखी क्यों हो उठी? वह बच्चे को क्या समझा रही थी?

उत्तरः

अपने बच्चे द्वारा राजकुमार का सोने से बना खिलौना पाने की ज़िद करने के कारण माँ दुखी हो उठी। वह बच्चे को समझा रही थी कि, तू इसी खिलौने से खेल, क्योंकि राजा के घर भी तो यह खिलौना नहीं है।

प्रश्नः 5.

बच्चा क्या तर्क देकर बहलाने की बात कर रहा था? अपनी माँग पूरी होते न देखा, तो उसने क्या किया?

उत्तरः

राजा के घर मिट्टी का खिलौना कभी नहीं, इससे राजकुमार खेलता है। यह सुनकर बच्चे को लगता है कि माँ उसे बहका रही है। अपनी माँग पूरी न होते देख उसने मिट्टी के खिलौने को मिट्टी में फेंक दिया।

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