Social Sciences, asked by ROSHANS3558, 11 months ago

हमें भारत में ऋण के औपचारिक स्रोतों को बढ़ाने की क्यों ज़रूरत है?

Answers

Answered by nikitasingh79
90

उत्तर :  

हमें भारत में ऋण के औपचारिक स्रोतों को बढ़ाने की ज़रूरत इसलिए है क्योंकि भारत में ग्रामीण परिवार की जरूरतों को केवल 50% औपचारिक ऋण स्रोतों द्वारा पूरा किया जाता है। बाकी के परिवारों की जरूरत अनौपचारिक स्रोतों से पूरी होती है। अनौपचारिक ऋणदाताओं की ब्याज की दरें  बहुत अधिक होती है और यह कर्ज़दाताओं की आय बढ़ाने का काम करती हैं । इसलिए हमें ऋण के औपचारिक स्रोतों की गतिविधियां ग्रामीण इलाकों में खासतौर से बढ़ाने की जरूरत है ताकि कर्ज़दारों की अनौपचारिक स्रोतों पर निर्भरता कम की जा सके। तभी देश का आर्थिक विकास संभव हो सकता है। ऐसे लोगों का अनावश्यक शोषण कम होगा तथा उनका जीवन स्तर सुधरेगा।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।

Answered by iqrashoebuddin
23

Answer:

भारत में लगभग 48% ऋण अनौपचारिक सेक्टर से आता है। अनौपचारिक सेक्टर में ऋण पर ब्याज की दर बहुत अधिक होती है। जो लोग औपचारिक सेक्टर से ऋण नहीं ले पाते हैं उन्हें अनौपचारिक सेक्टर की तरफ मुँह करना पड़ता है। अक्सर ऐसे लोग सूदखोरों के चंगुल में पड़ जाते हैं। उसके बाद उनके शोषण का एक अंतहीन सिलसिला शुरु होता है। लोगों को गरीबी और कर्ज के कुचक्र से निकालने के लिए उन तक ऋण के औपचारिक स्रोतों को पहुँचाना जरूरी हो जाता है। इससे ग्रामीण इलाकों में सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद मिलेगी

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