हम भारत देश के लोगों ने ये काम किये
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नज़रिया: क्या हम भारत के मुस्लिमों की हालत से वाक़िफ़ हैं?
फ़राह नक़वी
लेखिका, बीबीसी हिंदी के लिए
25 मई 2018
मुसलमान, भारत में मुसलमानों की स्थितिइमेज स्रोत,GETTY IMAGES
17 करोड़ और 20 लाख. ये ब्रिटेन, स्पेन और इटली की कुल जमा आबादी है. भारत में इतने ही मुसलमान रहते हैं. ये दुनिया के किसी भी देश में मुसलमानों की तीसरी सबसे ज़्यादा बड़ी आबादी है. और हिंदुस्तान के मुसलमानों में जितनी विविधता देखने को मिलती है, वो किसी और देश के मुसलमानों में नहीं दिखती.
पिछले 1,400 सालों में हिंदुस्तान के मुसलमानों ने खान-पान, शायरी, संगीत, मुहब्बत और इबादत का साझा इतिहास बनाया और जिया है.
इस्लामिक उम्मत दुनिया के सारे मुसलमानों को एक बताता है. यानी इसके मानने वाले सब एक हैं. लेकिन, भारतीय मुसलमान जिस तरह आपस में बंटे हुए हैं, वो इस्लाम के इस बुनियादी उसूल को ही नकारता है.
हिंदुस्तान में मुसलमान, सुन्नी, शिया, बोहरा, अहमदिया और न जाने कितने फ़िरक़ों में बंटे हुए हैं.
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मुसलमान, भारत में मुसलमानों की स्थिति
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अशराफ़, अजलाफ़ और अरज़ाल
यूं तो मुस्लिम धर्मगुरु इस बात से बार-बार इनकार करते हैं, लेकिन हक़ीक़त ये है कि भारत के मुसलमान भी, हिंदुओं की तरह ज़ा
त-पात जैसे सामाजिक बंटवारे के शिकार हैं. उच्च जाति को अशराफ़, मध्यम वर्ग को अजलाफ़ और समाज के सबसे निचले पायदान पर रहने वाले मुसलमानों को अरज़ाल कहा जाता है.
हिंदुस्तान में मुसलमान भौगोलिक दूरियों के हिसाब से भी बंटे हुए हैं और पूरे देश में इनकी आबादी बिखरी हुई है.
सो, हम देखते हैं कि तमिलनाडु के मुस्लिम तमिल बोलते हैं, तो केरल में वो मलयालम. उत्तर भारत से लेकर हैदराबाद तक बहुत से मुसलमान उर्दू ज़बान इस्तेमाल करते हैं.
इसी तरह क़ानूनी तरीक़े से कारोबार के लिए जानवरों के मेलों से गायें ख़रीदकर ले जा रहे लोगों से मारपीट की गई. जबकि कृषि प्रधान देश भारत में जानवरों का कारोबार बेहद अहम है. ये भीड़ का निज़ाम है, क़ानून का नहीं.