हम चले सीना तान के कविता का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में लिखो
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हम चलते सीना तान के कविता का केंद्रीय भाव
इसमें कवी कहता है देश के सैनिक अलग-अलग जातियों से,अलग-अलग सथानो से, अलग-अलग भाषाओ बोलने वाले मैदानों से आये है मगर हम एक वर्दी में देश की रक्षा करने वाले सैनिक है हमारे धर्म भी अलग-अलग है लेकिन भारत माता की रक्षा के लिए हम अपना सीना तान कर एक साथ खडे है।
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