हम ईमानदारी से रहते हैं और पौधों में गुजारा करते हैं कविता में इस भाव से संबंधित पंक्तियां जोड़कर लिखिए
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ज्यादा का नहीं लालच हमको, थोड़े में गुजारा होता है”।
जिनका तात्पर्य यह है कि हम भारतवासियों को किसी तरह का लोभ-लालच नहीं है, हम ईमानदारी से अपना जीवन व्यतीत करते हैं। हम थोड़े में ही गुजारा कर लेते हैं अर्थात हम परम संतोषी स्वभाव के होते हैं। कवि ने इस गीत के माध्यम से भारत वासियों की विशेषताओं का वर्णन किया है।
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प्रश्न
हम ईमानदारी से रहते हैं और पौधों में गुजारा करते हैं कविता में इस भाव से संबंधित पंक्तियां जोड़कर लिखिए ?
उत्तर
महिमा जो हमारा होते हैं
हो जान से प्यारा होता है।
ज्यादा का नहीं लालच हम को,
थोड़े में गुजारा होता है।।
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