Hindi, asked by chimalaramulu2836, 9 months ago

हम ईमानदारी से रहते हैं और थोड़े में गुजारा करते हैं कविता में से इस भाव से संबंधित पंक्तियों दूर कर लिखिए. plz guys tell me this answer I will add u at brain list answer​

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Answered by bhatiamona
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हम ईमानदारी से रहते हैं और थोड़े में गुजारा करते हैं।

कविता में इस भाग से भाव से संबंधित पंक्तियां इस प्रकार हैं

“ज्यादा का नहीं लालच हमको, थोड़े में गुजारा होता है”।

प्रसिद्ध फिल्मी गीतकार शैलेंद्र द्वारा लिखी गई गीतात्मक कविता “जिस देश में गंगा बहती है” जो कि एक फिल्म का भी हिस्सा है, के दूसरे अंतरे में यह पंक्तियां आती हैं। जिनका तात्पर्य यह है कि हम भारतवासियों को किसी तरह का लोभ-लालच नहीं है, हम ईमानदारी से अपना जीवन व्यतीत करते हैं। हम थोड़े में ही गुजारा कर लेते हैं अर्थात हम परम संतोषी स्वभाव के होते हैं।

कवि ने इस गीत के माध्यम से भारत वासियों की विशेषताओं का वर्णन किया है। पूरी कविता इस प्रकार है.

होठों पर सच्चाई रहती है,

जहां दिल में सफाई रहती है,

हम उस देश के वासी हैं,

जिस देश में गंगा बहती है।

मेहमां जो हमारा होता है,

वो जान से प्यारा होता है,

ज्यादा का लालच नहीं हमको,

थोड़े में गुजारा होता है।

मिलजुल के रहो और प्यार करो,

एक चीज यही तो रहती है,

हम उस देश के वासी हैं,

जिस देश में गंगा बहती है।

होठों पर सच्चाई रहती है,

जहाँ दिल में सफाई रहती है,

हम उस देश के वासी हैं,

जिस देश में गंगा बहती है।

कवि का इस कविता के माध्यम से कहने का तात्पर्य यह है कि हम भारतवासी वो लोग हैं, जो हमेशा सच्चाई का पालन करते हैं, हमेशा सत्य वचन बोलते हैं। जिनका दिल एकदम साफ है। हम उस देश के वासी हैं, जहाँ पर गंगा जैसी पावन नदी बहती है।

हम अतिथि को भगवान के समान मानते हैं और हम ज्यादा लालच नहीं करते और ईमानदारी से अपना जीवन कम आय में ही गुजार लेते हैं।

हम भी मिल-जुलकर और प्रेम भाव से रहने वाले लोग हैं, हम सच्चाई का पालन करने वाले और सच्ची बात बोलने वाले दिल के साफ लोग हैं। हम उस पावन गंगा नदी के देश वाले लोग हैं।

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