Hindi, asked by davidpayeng, 27 days ago

हम जैसे संगति करते है वैसे ही बन जाते है। सुखी राजकुमार कहानी के आधार पर इस कथन का स्पष्ट कीजिए। NIOS CLASS 10​

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Answered by qwstoke
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" हम जैसे संगति करते है वैसे ही बन जाते है " सुखी राजकुमार कहानी के आधार पर इस कथन को निम्न प्रकार से स्पष्ट किया गया है

सुखी राजकुमार कहानी में यह कथन गौरैया के संदर्भ में कहा गया है

  • इस कहानी में एक राजकुमार के पुतले का वर्णन किया गया है, उस पुतले को स्वर्ण पत्र से सुशोभित किया गया है।
  • राजकुमार की तलवार के मूठ में बेशकीमती रत्न है, उसकी आंखों में नीलम रत्न लगे हुए है।
  • एक गोरैया का झुंड ठंड के कारण मिश्र की ओर स्थानांतरण कर रहा था, वह गोरैया अपने झुंड के साथ न जाकर एक रात उस राजकुमार के पुतले के नीचे गुजरना चाहती है।
  • वह अपने शरीर को पंखों से ढककर जैसे ही सोने जा रही थी, ऊपर से पानी की बूंद टपककर उसके ऊपर आ गई, उसने सोचा कि यदि यह पुतला वर्षा से मुझे नहीं बचा सकता तो क्या फायदा इसलिए उसने उड़ने का निश्चय किया परन्तु उसने देखा कि ये बूंद राजकुमार के आंसू है।
  • उसने राजकुमार से कहा कि तुम तो सुखी राजकुमार हो , रो क्यों रहे हो?
  • राजकुमार ने उत्तर दिया कि जब मै जीवित था, अपने महल की विलासिता में मग्न था, मैंने कभी संसार का कोई दुख नहीं देखा था परन्तु अब मै एक पुतला हूं तथा मुझे सभी का दुख दिखाई दे रहा है।
  • राजकुमार ने गोरैया से विनती की कि मुझे एक गरीब स्त्री दिख रही है जो सुई से कुछ कढ़ाई कर रही है, उसके पास पैसे नहीं है, उसके पुत्र को तेज ज्वर का बुखार है तुम उसे मेरी तलवार की मूठ में लगा यह रत्न दे आओ।
  • गोरैया उस स्त्री को वह रत्न दे अायी , उसके बाद राजकुमार ने कहा कि एक लेखक है, जो बहुत गरीब है उसे मेरी एक आंख का नीलम दे आओ, गोरैया ने राजकुमार की बात मानी इसी प्रकार राजकुमार ने अपनी दूसरी आंख भी मदद में दे दी तथा स्वयं अंधा हो गया ।
  • राजकुमार के दिल में दुखी लोगों के प्रति दया तथा सहायता की भावना से गोरैया बहुत प्रभावित हुई तथा उसने मिश्र न जाकर हमेशा के लिए राजकुमार के साथ रहने का निश्चय किया ।
  • गोरैया राजकुमार के साथ रहकर राजकुमार जैसी बन गई थी। इसलिए कहा गया है कि जैसी संगति होती है वैसे ही बन जाते हैं।
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