Hindi, asked by saikumar3041, 3 months ago

हमें किस प्रकार की भक्ति होने चाहिए​

Answers

Answered by radhikavashisth05
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Answer:

भगवान का भजन, अर्चना, उपासना, ध्यान आदि करना ही भगवान की भक्ति है। ... भक्ति योग का तात्पर्य है अनन्यता, परमपूज्य परमात्मा के अतिरिक्त किसी दूसरे का भाव मन में न लाना ही अनन्य भाव कहलाता है। गीता में कहा गया है कि अनन्य भाव से ही परमात्मा की प्राप्ति होती है।

Answered by Anonymous
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Answer:

भगवान का भजन, अर्चना, उपासना, ध्यान आदि करना ही भगवान की भक्ति है. भक्त भगवान के सगुण रूप से अनरकत रहता है निर्गुण रूप में नहीं. वह साकार ईश्वर की उपासना करता है निराकार की नहीं.

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