Hindi, asked by nandinibishnoi, 8 months ago

हमें किस प्रकार पता चलेगा कि कोई क्रिया अकर्मक है या सकर्मक?​

Answers

Answered by ashishjc333
1

Answer:

DEKH KAR

Explanation:

Answered by anita6675
2

Answer:

क्रिया के भेद:

कर्म जाति तथा रचना के आधार पर क्रिया के दो भेद हैं-

सकर्मक क्रिया

अकर्मक क्रिया

• सकर्मक क्रिया

जिस क्रिया में कार्य का फल कर्ता पर ना पड़कर किसी अन्य चीज पर पड़ता है उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं।

सकर्मक क्रिया के साथ कर्म प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से हमेशा रहता है। उदाहरण के तौर पर समझेंगे कि रमेश खाना खाता है । रमेश क्या खाता है खाना खाता है मतलब उसकी खाना क्रिया खाने (भोजन) पर निर्भर है। इसी प्रकार एक अन्य उदाहरण है सीता टेलीविजन देखती है।

• अकर्मक क्रिया

जिस क्रिया के कार्य का फल केवल कर्ता पर ही पड़ता है उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं।

अकर्मक क्रिया का कोई कर्म नहीं होता। उदाहरणके तौर पर समझेंगे कि जैसे राजा सोता है , राहुल रोता है आदि। तो यहां पर क्रिया कर्म पर निर्भर नहीं है । यहां कोई कर नहीं आता है या अकर्मक क्रिया है।

सकर्मक क्रिया के भेद– सकर्मक क्रिया भी दो प्रकार की होती है पहली एक कर्मक दूसरी द्विकर्मक।

एक कर्मक जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि इसमें एक कर्म होगा और द्विकर्मक में एक से अधिक कर्म होते हैं अर्थात दो कर्म होते हैं। उदाहरण के तौर पर समझेंगे कि राधा गाना गाती है। तो यहां पर गाना गाती है तो एक कर्म हुुआ गाना। पर राहुल रमेश को बैट से मारता है तो इस उदाहरण में एक कर्म बैैैट हुआ जोकि निर्जीव है दूसरा कर्म रमेश हुआ जो कि एक प्राणी है , सजीव है।

उम्मीद है आपको यह समझ आया होगा।

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