Hindi, asked by manassingh90, 1 month ago

हम कच्ची मिट्टी की मूर्ति के समान रहते हैं , जिसे जो जिस रूप में चाहे , उस रूप में ढालकर
चाहे राक्षस बनाएँ, चाहे देवता।​

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Answered by ffgamingyt33
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Answer:

कच्ची मिट्टी की मूर्ति के समान रहते हैं , जिसे जो जिस रूप में चाहे , उस रूप में ढालकर

चाहे राक्षस बनाएँ, चाहे देवता।

Explanation:

https://gzp.gg/YNXfJJ

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