हमें कठिन परिस्थिति में समझदारी और बुद्धिमानी से काम लेना चाहिए क्यों 2 वाक्य बताएं
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आचार्य चाणक्य के अनुसार समझदार इंसान वही है जो हर विषम परिस्थिति में भी सहज रहे, सामान्य रहे। चाहे जैसी भी समस्या हो उसका निराकरण आसानी से निकाल ले। किसी भी प्रकार की विषम परिस्थिति को दूर करने की क्षमता जिस व्यक्ति में होती है वही समझदार होता है। जो व्यक्ति हालात और समय में छिपे संकेतों को समझ ले वहीं समझदार है।
यदि किसी इंसान में यहां बताए गए गुण नहीं है तो उसे क्या करना चाहिए? इस संबंध में आचार्य चाणक्य ने एक सटीक उपाय बताया है। चाणक्य के अनुसार जिस प्रकार यदि कोई सांप जहरीला ना हो तो भी उसे स्वयं को जहरीला ही दिखाना चाहिए। ठीक इसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति समझदार या विद्वान न हो तब भी उसे दूसरों के सामने समझदार बने रहना चाहिए। इसी में भलाई है।
चाणक्य की यह बात अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग रूप से प्रभावशाली हो सकती है। यदि को शक्तिशाली नहीं है तो उसे स्वयं को कभी भी निर्बल सिद्ध नहीं होने देना चाहिए। अन्यथा शक्तिशाली लोग उस पर अपना अधिकार कर लेंगे। यदि कोई व्यक्ति दूसरों के सामने मूर्ख सिद्ध हो जाए तो उसे हमेशा ही तिरस्कार और अपमान ही झेलना पड़ेगा। ऐसे में सही उपाय यही है कि वह हमेशा ही खुद को समझदार ही दिखाए। इसके साथ ही वह अपने स्तर पर हालात और परिस्थितियों को समझने का प्रयत्न करता रहे। इस प्रकार उसे समाज में अपमान का पात्र नहीं बनना पड़ेगा और वह हमेशा ही अन्य लोगों के सामने आदरणीय बना रहेगा।
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