हमे लाल बहादुर शासत्री से कया सीख मिलती है
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| शास्त्री का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दो अक्टूबर, 1904 को शारदा प्रसाद और रामदुलारी देवी के घर हुआ था|
Lal Bahadur Shastri जी ने 11 जनवरी, 1966 को उज़्बेकिस्तान के ताशकंद में अंतिम सांस ली थी| उसी दिन उन्होंने ताशकंद घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए थे| वह पहले व्यक्ति थे, जिन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से नवाजा गया था|
Lal Bahadur Shastri जी के ये ऐसे अनमोल वचन हैं जिनसे जीवन की बहुत बड़ी सीख मिलती है| आइये जानते है ली उन्होंने क्या कहा था|
जय जवान, जय किसान|
भ्रष्टाचार को पकड़ना बहुत कठिन काम हैं, लेकिन मैं पूरे जोर के साथ कहता हूँ कि यदि हम इस समस्या से गंभीरता और दृढ़ सकल्प के साथ नही निपटते तो हम अपने कर्तव्यो का निर्वाह करने में असफ़ल होंगे|
हम शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास करते हैं, केवल खुद के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए|
सच्चा लोकतंत्र या जनता का स्वराज, असत्य और हिंसक तरीकों से कभी नहीं आ सकता है|
देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती हैं|
हर काम की अपनी एक गरिमा हैं, और हर काम को अपनी पूरी क्षमता से करने में ही संतोष मिलता हैं|
स्वतंत्रता का संरक्षण अकेले सैनिकों का काम नहीं है, पूरे देश को मजबूत होना चाहिए|
जैसा कि मैं देख रहा हूं, शासन का मूल विचार, समाज को एकजुट करने के लिए है ताकि वह कुछ लक्ष्यों के प्रति विकास का कार्य कर सके|
यदि भारत में कोई एक भी व्यक्ति छुआ-छूत से पीड़ित हैं तो यह पूरे भारत के लिए शर्म की बात हैं|
हमें उसी हिम्मत के शांति लाने का प्रयत्नं करना चाहिए जितना प्रयत्नं हम तरक्की के लिए करते हैं|