Hindi, asked by yaimalaimayum678, 1 month ago

हम पंछी उन्मुक्त गंगन के
कविता का भावार्य लिखा ?

Answers

Answered by rpguptassm88
8

Answer:

हम पंछी उन्मुक्त गगन के का भावार्थ

उनका कहना है कि हम तो नदी-झरनों का बहता जल पीने वाले हैं। ... वास्तव में पक्षी खुले वातावरण में घूम-घूमकर बहता जल पीकर और नीम की निबौरी को खाकर ही खुश रहते हैं। पक्षियों के माध्यम से कवि कहता है कि सोने की सलाखों से निर्मित पिंजरे में रहकर तो हम अपनी उड़ान व उसकी गति भी भूल गए हैं।

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Answered by pcdivya2008
2

Answer:

plz mark me as brainliest

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