Hindi, asked by sushanthsingh912, 19 days ago

हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता का भाव अपने शब्दों में लिखिए 8 से 10 पंक्तियों में​

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Answered by xxbadshah01xx
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Answer:

हम पंछी उन्मुक्त गगन के का भावार्थ

उनका कहना है कि हम तो नदी-झरनों का बहता जल पीने वाले हैं। हम पिंजरे में बंद रहकर भूखे-प्यासे मर जाएंगे इस सोने के पिंजरे में सोने की कटोरी में रखे मैदा की अपेक्षा नीम के पेड़ की कड़वी नबौरी खाना हमें अधिक अच्छा लगता है।

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