हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता का भाव अपने शब्दों में लिखिए 8 से 10 पंक्तियों में
Answers
Answered by
6
Answer:
हम पंछी उन्मुक्त गगन के का भावार्थ
उनका कहना है कि हम तो नदी-झरनों का बहता जल पीने वाले हैं। हम पिंजरे में बंद रहकर भूखे-प्यासे मर जाएंगे इस सोने के पिंजरे में सोने की कटोरी में रखे मैदा की अपेक्षा नीम के पेड़ की कड़वी नबौरी खाना हमें अधिक अच्छा लगता है।
Similar questions
Math,
9 days ago
English,
9 days ago
Physics,
19 days ago
Biology,
9 months ago
Business Studies,
9 months ago
Social Sciences,
9 months ago